SC: बिहार के पूर्व मंत्री के हत्या ममिला में पूर्व विधायक सहित दुके आजीवन कारावास; पूर्व सांसद सूरजभान बरी
सुप्रीम कोर्ट बियफे के बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद के 1998 में भइल हत्या के ममिला में सजा के एलान कइलस। कोर्ट पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला सहित दु लोगन के आजीवन कारावास के सजा सुनवलें। जस्टिस संजीव खन्ना, संजय कुमार आ आर महादेवन के पीठ सब आरोपियन के बरी करे के पटना हाईकोर्ट के फैसला के आंशिक रूप से खारिज कs देलस।
कोर्ट दोषियन मंटू तिवारी आ पूर्व विधायक शुक्ला के 15 दिनन के भीतर आत्मसमर्पण करे के कहलस। हालांकि, शीर्ष कोर्ट पूर्व सांसद सूरजभान सिंह सहित। छव गो आउर आरोपियन के संदेह के लाभ देत हाईकोर्ट के आदेस के अनुसार उनका के बरी करे के फैसला के बरकरार रखलें। पीठ कहलस कि मंटू आ विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला के खिलाफ आईपीसी के धारा 302 (हत्या) आ 307 (हत्या के प्रयास) के तहत आरोप साबित होत बा। ओह लोगन के 15 दिनन के भीतर आत्मसमर्पण करे के होई।
हाईकोर्ट आ निचली अदालत में का भइल रहे?
एकरा पहिले 24 जुलाई 2014 के हाईकोर्ट कहलस कि अभियोजन पक्ष के सबूतन आ गवाहन के मद्देनजर रखत सूरजभान सिंह उर्फ सूरज सिंह, मुकेश सिंह, लल्लन सिंह, मंटू तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी, शशि कुमार राय, मुन्ना शुक्ला आ राजन तिवारी संदेह के लाभ पावे के हकदार बाड़ें। कोर्ट निचली अदालत के 12 अगस्त 2009 के ओह आदेस के खारिज कs देले रहे, जेमे ओकरा के दोषी ठहरावल गइल रहे आ सब आरोपियन के आजीवन कारावास के सजा सुनावल गइल रहे।
के देले रहे फैसला के चुनौती?
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद आ बृज बिहार प्रसाद के पत्नी रमा देवी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) साक्ष्य के अभाव में आरोपियन के बरी करे के फैसला के चुनौती देले रहे। ऊ कोर्ट के 2014 के आदेस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दरवाजा खटखटवले रहे।
संक्षिप्त में समझीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले में का?
उच्चतम न्यायालय 1998 में भइल बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद के हत्या के ममिला में पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला सहित दुगो आरोपियन के दोषी ठहरवलस। एकरा संगही कोर्ट मुन्ना शुक्ला सहित दु लोगन के आजीवन कारावास के सजा सुनवलस। कोर्ट ममिला में पटना हाईकोर्ट के आदेस के आंशिक रूप से निरस्त कs देलस। कोर्ट दोषियन मंटू तिवारी आ पूर्व विधायक शुक्ला के 15 दिनन के भीतर आत्मसमर्पण करे के कहलस। एकरा संगही सुप्रीम कोर्ट पूर्व सांसद सूरजभान सिंह आ आउर के संदेह के लाभ देत उनका के बरी करे के फैसला के बरकरार रखलस।