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सावन के पहिला सोमार पऽ बन रहल बा तीन गो शुभ संयोग, जानीं सावन सोमवार व्रत के लिस्ट,शुभ मुहूर्त आ महत्व

08:12 AM Jul 22, 2024 IST | Sonu Kishor
सावन के पहिला सोमार पऽ बन रहल बा तीन गो शुभ संयोग  जानीं सावन सोमवार व्रत के लिस्ट शुभ मुहूर्त आ महत्व
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भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद पावे खातिर सावन के महीना बहुत शुभ मानल जाला। पंचांग के मोताबिक सावन के महीना आज शुरू हो रहल बा आ 19 अगस्त के खतम हो जाई।

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एह साल के सावन के महीना बहुते खास बा। अबकी बेर सावन महीना में पांच सोमवार के संजोग बा। सावन महीना सोमार से शुरू होखी आ सोमार के दिने खतम हो जाईम एतने ना, एह संयोजन के साथे-साथे सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, कुबेर योग, मंगल-गुरु संयोग, शुकादित्य योग, बुधादित्य योग जइसन बढ़िया योगो बन रहल बा। जबकि लक्ष्मी नारायण योग, गजकेसरी योग, शशि राज योग के चलते सावन के इ महीना बहुत शुभ आ बढ़िया हो रहल बा। एह सुखद संजोग के चलते शिवभक्तन में भारी उत्साह देखल जा रहल बा। एह क्रम में पूरा भक्त लो पहिलहीं से सावनमय हो गइल बा। बाबा नगदी देवघर जाए के प्रक्रियो शुरू हो गइल बा। हर जिला में शिव मंदिरन में सजावट चरम पर बा। प्रसिद्ध शोभानाथ मंदिर आ साहेब कोठी मंदिर के साथे - साथे सगरी शिव मंदिरन के रूप-रंग पूरा तरह से बदले लागल बा।

हिन्दू धर्म में सावन महीना के खास धार्मिक महत्व बा। एकरा के साल के सबसे पबित्र महीना मानल जाला। सावन में भगवान शिव आ माता पार्वती के बहुत श्रद्धा से पूजा कइल जाला। अबकी बेर सावन महीना में दू गो सबसे दुर्लभ संजोग बा कि श्रावण महीना के शुरुआत सोमार के पावन दिन से हो रहल बा जबकि पूरा सावन में कुल पांच गो सोमार होखी। ई संजोग 72 साल बाद एह साल बन रहल बा। आउर कई गो संजोग के कारण बाबा भोलेनाथ के अपार आशीर्वाद के बरसात शिव के भक्तन पर होखे जा रहल बा।

सावन पूजा के एह साल विशेष लाभ मिली

एह साल के सावन बहुत खास बा, एही से सावन के पूजा कइला से ए साल विशेष लाभ मिली। इ जानकारी देत नगर ज्योतिषी पंडित धर्मेन्द्र झा कहले कि पहिला सोमवार के प्रीति आयुष्मान योग के संगे-संगे सर्वार्थ सिद्धि योग के गठन हो रहल बा। एकरा संबंध में एगो मान्यता बा कि जेहू एह योग में पूजा करेला ओकरा भगवान शिव से बहुविध परिणाम मिलेला। एह साल के श्रावण महीना 21 जुलाई से शुरू होखी आ 30 दिन बाद यानी करीब एक महीना 19 अगस्त के खतम हो जाई। हिन्दू कैलेंडर के मोताबिक सावन महीना के कृष्ण पक्ष के प्रतिपदा तिथि 21 जुलाई के दुपहरिया 3:47 बजे से शुरू हो गइल बा, जवन 22 जुलाई के दुपहरिया 1:11 बजे खतम होई। अइसना में उदय तिथि के मामला में 22 जुलाई से श्रावण महीना शुरू हो रहल बा, जवन 19 अगस्त के श्रावण पूर्णिमा के संगे खतम होई।

भगवान शिव आ माता पार्वती सावन में भक्तन के कल्याण करेले

सावन के पावन महीना में भक्त भगवान शिव आ माता पार्वती के पूजा करेले। सावन महीना में अधिकास भक्त सोमवार के व्रत रखेले आ शुद्ध मन से भगवान शिव के पूजा करेले। अविवाहित लइकी सावन के हर मंगलवार के मंगला गौरी के व्रत करेली। कुछ महिला मनचाहा पति पावे आ भगवान शिव के आशीर्वाद पावे खातिर सोमवार के व्रत करेली। सावन के समय काँवर यात्रा बहुत प्रसिद्ध बा, जवना में भक्त लोग पवित्र गंगा लगे जाके अलगा - अलगा धार्मिक स्थानन पs जाके ओहिजा से गंगाजल लेके शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के चढ़ावेला। मानल जाला कि सावन के समय भगवान शिव आ माता पार्वती अपना भक्तन के उदार मन से कल्याण करेले।

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