Ground Report: बिहार के ए सीट प 68 प्रतिशत मुसलमान मतदाता, भाजपा के कवनो बड़ नेता प्रचार खातीर ना आवेले
बिहार में इ एकमात्र सीट बा, जहां मुसलमान मतदाता 68 प्रतिशत बाड़े। एही कारण से सभ राजनीतिक दल सिर्फ मुसलमान के टिकट देवेले। साल 2019 में किशनगंज के छोड़ के बिहार के 40 में से 39 सीट भाजपा-जदयू के गठबंधन जीतले रहे। इ सीट कांग्रेस के खाता में चल गइल।
किशनगंज के इतिहास से पुरान संबंध बा। कबो एह इलाका के सूर्यपुर कहल जात रहे। मानल जाला कि महाभारत काल के पुरातात्विक संपदा एहिजा बिखराइल बा बाकिर ओकरा के बचावे वाला केहू नइखे । दार्जिलिंग से किशनगंज के दूरी मात्र 150 किमी बा, एही से एह जगह के गरीब के दार्जिलिंग भी कहल जाला। बिहार के इहे एकमात्र सीट बा, जहां मुसलमान मतदाता 68 प्रतिशत बाड़े। एही कारण से सभ राजनीतिक दल सिर्फ मुसलमान के टिकट देवेले। साल 2019 में किशनगंज के छोड़ के बिहार के 40 में से 39 सीट भाजपा-जदयू के गठबंधन जीतले रहे। इ सीट कांग्रेस के खाता में चल गइल।
अबकी बेर एहिजा बहुते रोचक त्रिकोणीय प्रतियोगिता बा ।
कांग्रेस के गढ़ रहल एह सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के अखिल भारतीय मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवार अखतरुल इमान, जदयू के मुजाहिद आलम आ पिछला कांग्रेस सांसद जावेद आजाद मैदान में बाड़े । जदी ओवैसी के पार्टी ना घुसल रहीत त कांग्रेस खातिर रास्ता मुश्किल ना रहित। कांग्रेस जीतल एह मुसलमान बहुल राज्य के, एकरा के आकार देवे वाला आजाद के पिता हुसैन आजाद कांग्रेस के बड़का नेता रहले।
साल 2014 में मोदी लहर के दौरान भी इ सीट कांग्रेस के खाता में चल गईल रहे। दूसरा चरण में इहाँ मतदान 26 अप्रैल के बा। स्थानीय लोग के कहनाम बा कि भाजपा के कवनो बड़ नेता इहाँ प्रचार करे ना आवेला। चुकी ए सीट प मुसलमान मतदाता जादे बाड़े एहसे कवनो उम्मीदवार जीत सकतारे। एह सीट का तहत छह गो विधानसभा क्षेत्र आवेला । इहाँ करीब 17 लाख मतदाता बाड़े। एह सीट से शाहनवाज हुसैन, तस्लीमुद्दीन, एमजे अकबर लोकसभा चहुँप गइल बाड़न ।
गैर मुसलमान एके बेर जीतल बा
1967 में मुसलमान बहुल किशनगंज में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के लखन लाल कपूर जीतल रहले। एह सीट से ऊ अकेला गैर मुस्लिम उम्मीदवार हउवें जे जीत हासिल कइले बाड़न ।
एएमयू सेंटर के मुद्दा बा
किशनगंज में अइसन कवनो चीज नइखे जवन केहू के ध्यान अपना ओर खींच सके । साल 2012 के आसपास इहाँ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के केंद्र खोले के चर्चा भइल, एकरा खातीर 224 एकड़ जमीन के भी पहचान कइल गइल, बाकि आगे कुछ ना भइल। शिक्षा खातिर विद्यार्थियन के पास के शहरन पर भरोसा करे के पड़ेला । इहाँ साक्षरता दर मात्र 57 प्रतिशत बा जवन कि राष्ट्रीय औसत 77 प्रतिशत से कम बा। उत्तर दिनाजपुर जिला के मुख्यालय रायगंज जाए खातिर बस पकड़े खातिर तइयार मोहम्मद खलीलुल्लाह के कहना बा कि अगर एएमयू के कैंपस बन गइल रहित त हमनी के लइकन के पढ़े खातिर बहरी ना जाए के पड़ीत ।
हर साल बाढ़ तबाही मचावेला
हर जगह कूड़ा पड़ल लउकत बा । ग्रामीण इलाका में धान आ मक्का के खेती होला। हर साल बाढ़ आ कटाव के चलते सैकड़न एकड़ जमीन नदी में डूब जाला। जिला के सबसे जादा बाढ़ प्रभावित इलाका तेहगछ, कोचाधामन आ पोथिया बा। हर साल महानन्द आ रेतुआ नदी इहाँ तबाही मचावेले। प्रमुख मुद्दा में पलायन भी शामिल बा। रोजगार के कमी के चलते युवा लोग के दोसरा राज्य में पलायन करे के पड़ता, बाकी बाढ़, कटाव, शिक्षा दर चाहे पलायन कबहूँ मुद्दा ना बनल। बस स्टैंड पर बा। अफरोज कहत बाड़े, नेता लोग खाली लड़ाई करे के काम करेला।
पर्यटन के असीमित संभावना बा
किशनगंज आज एगो सामान्य शहर हो सकेला बाकिर कहल जाला कि एकर संबंध महाभारत काल से बा ।इहाँ के खुदाई में सूर्य भगवान के मूर्ति भी मिलल बा, जवना के अब पूजा कइल जाला। स्थानीय लोग के कहनाम बा कि सरकार जदी तनी-मनी भी ध्यान देवे त इहाँ पर्यटन के अपार संभावना बा। किशनगंज एकमात्र इलाका ह जहवाँ चाय के खेती मैदान में होला ना कि पहाड़ प ।