कविगुरु के धरती पs भइल ‘कैम्पस कविता के अनूठा आयोजन
विश्वभारती, शांतिनिकेतन के हिंदी भवन में ‘कैम्पस कविता’ के आयोजन सम्पन्न भइल। ई आयोजन हिंदी विभाग आ रेख्ता समूह के ‘हिंदवी’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रहे।
कविता विरोधी एह दौर में पचपन विद्यार्थी आपन प्रविष्टि जमा कइले रहे लो। एमे खाली बंगाल के शिक्षा संस्थानन में पंजीकृत विद्यार्थियन के आवेदन करे के रहे। हिंदवी के प्रतिनिधि बतावल लो कि प्रविष्टियन के ई संख्या अब तक के सब आयोजनन में सबसे जादे बा।
ई देखल दिलचस्प रहे कि सुदूर दार्जीलिंग आ कलकत्ता से नवहा कवि आपन कविता के पाठ के करे आइल रहे लो।पचपन प्रविष्टियन में पंद्रह के चयन कविता पाठ खातिर भइल रहे। ई पंद्रह भविष्य के कवि के हिंदी भवन में आपन कविता पढ़ल लो।
एमे से चयन खातिर हिंदी के सर्वप्रिय कवि विनय सौरभ, मनोज कुमार झा आ सुधांशु फिरदौस के निर्णायक बनावल गइल रहे।
कैम्पस कविता के एह अध्याय में पांच नवहा कवियन के पुरस्कृत कइल गइल। पहिला पुरस्कार अमन त्रिपाठी के, दूसरा पुरस्कार सृष्टि रौशन के आ तृतीय पुरस्कार रूपायण घोष के दिहल गइल। ओहिजा, रौशन पाठक आ कृष्णानंदन के सांत्वना पुरस्कार दिहल गइल।
कार्यक्रम के सफलता के अनुमान एही से लगावल जा सकत बा कि दुनो सत्रन में हॉल पूरा तरे भरल रहे। लोग बाहर सीढ़ियन पs खड़ा होके काव्यपाठ के आनंद लेत रहे लो। दूसरका सत्र में निर्णायक कवियन के काव्यपाठ श्रोता लोगन के भावविह्वल कs दिहल।
कार्यक्रम के सफल बनावे में हिंदी विभाग के अध्यक्ष सुभाषचंद्र रॉय आ वरिष्ठ प्राध्यापकन महती भूमिका निभावल लो। हिंदवी के अविनाश मिश्र आ हिंदी विभाग के डॉ. श्रुति कुमुद एह ‘कैम्पस कविता’ के सब क्रियाकलापन में सामिल होके आपन भूमिका निभावल लो।