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गोरखपुर: भोजपुरी कहानी लेखन 'किस्सा- कहानी' कार्यशाला के भइल सफल आयोजन

09:17 PM Oct 04, 2024 IST | Minee Upadhyay
गोरखपुर  भोजपुरी कहानी लेखन  किस्सा  कहानी  कार्यशाला के भइल सफल आयोजन
यायावरी क्लब आ डी.ए.वी.पी.जी कॉलेज के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला : फोटो
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भोजपुरी साहित्य संस्कृति आ कला के संवर्धन विकास खातिर ईश्वर ब्रिज फाउंडेशन के अंतर्गत गठित संस्था यायावरी वाया भोजपुरी के यायावरी क्लब आ डी.ए.वी.पी.जी कॉलेज के तत्वावधान में भोजपुरी 'किस्सा कहानी' कार्यशाला के आयोजन कइल गइल। एह कार्यशाला के उद्देश्य भोजपुरी भाषा के माध्यम से नहवन में कौशल विकास कइल हs.

कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ सुधीर मिश्रा, यायावरी वाया भोजपुरी के प्रोजेक्ट ऑफिसर गौरव मणि त्रिपाठी, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शैल पांडे आ समन्वयक डॉ.संजय पांडे दीप जरा के कार्यशाला के शुरुआत कइले। एकरी बाद यायावरी क्लब के ओर से डी.ए.वी.पी.जी कॉलेज के स्मृति चिन्ह देके सम्मानित कइल गइल। एह कार्यशाल के संचालन डॉ.संजय मिश्रा कइले.

प्राचार्य मैम सबके स्वागत आ सम्मान करत उs कहली कि "भोजपुरी भाषा के संगे आगे बढ़े के चाही काहे कि इs हमनी के मातृभाषा हs। यायावरी वाया भोजपुरी जवन काम भोजपुरी खातिर कs रहल बा उs बहुते बढ़िया बा."

कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ 'सुधीर मिश्रा' छात्र-छात्रा लोगन के कहानी लेखन के आवश्यक पहलुअन से परिचित करइले। कहानी कइसे लिखल जाला? कहानी के सारांश का होखे के चाहीं? कहानी के शीर्षक का होखे के चाहीं? एह सब पहलु आपन विचार रखले।

विषय विशेषज्ञ छात्रन से कहले कि हमनी के पहिले पात्र पs ध्यान देवे के चाही, हमनी के पात्र के बा अवुरी कहानी ओकरा इर्द-गिर्द होखे के चाही। कहानी पात्र से अलग ना होखे के चाहीं. छात्रन द्वारा लिखल गईल कहानियन के बारे में चर्चा कइले आ नहवन के कहानी लिखे खातीर प्रोत्साहित कइले.कार्यशाला में बहुते छात्र- छात्रा लो भाग लिहले. छात्र- छात्रा के प्रयास के देखके विषय विशेषज्ञ उनकर सराहना कइले।

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