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अवैध प्लाटिंग के भरमार: गोरखपुर शहर बढ़लऽ तऽ गांव ओरी बढ़ गइले भूमाफिया, ठगलइला बाद लोग दर्ज करा रहल बाड़े केस

12:07 PM Feb 13, 2024 IST | Raj Nandani
अवैध प्लाटिंग के भरमार  गोरखपुर शहर बढ़लऽ तऽ गांव  ओरी बढ़ गइले भूमाफिया  ठगलइला बाद लोग दर्ज करा रहल बाड़े केस
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गोरक्षनगरी में विकास तेजी से भइल तऽ जहवां आम लोगन के काफी सुविधा मिले लागल, उहे इ भूमाफिया खातिर अवसर साबित हो रहलऽ बा। शहर से सटल ग्रामीण इलाका में तेजी हो रहल अवैध प्लाटिंग एकर गवाही दे रहल बा। धड़ल्ले से कालोनियां काटल जा रहलऽ बाड़ी। जीडीए चाहियो के कवनो ठोस कार्रवाई एह ले ना कऽ पा रहलऽ बिया, काहे कि इ इलाका शहर के जद आ उनका कार्यक्षेत्र से बहरी बा। कय लोग इ भूमाफियन के ठगी के शिकार हो रहलऽ बाड़े। अइसन मे जदि जमीन खरीदे के बा तऽ अतिरिक्त सावधानी बरते के जरूरत बा।

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गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन के किनारवा, बालापार, मोहरीपुर, मेडिकल कॉलेज रोड आदि जगहा पs चारों ओरी जमीन के अवैध प्लाटिंग के भरमार बा। महायोजना 2031 अभी लागू नइखे भइल, बाकी कहवां-केतना गांव एकर जद में बा, एकर जानकारी जमीन के धंधेबाजन के बा। अइसन में उऽ भविष्य के सुविधा के लालच देके लोगन से ठगी कर रहल बाड़े।

दरअसल, शहर के जइसन गांव में विकास के चलते लोग के जीवन स्तर में बदलाव आइल बा। लोग गांव से बहरी निकल के कस्बा में रहलऽ चाहत बाड़े तऽ उहवें नौकरीपेशा वालन जवना रूट पs नौकरी करत बाड़े,ओने जमीन खरीद रहल बाड़े। गोरखपुर विकास प्राधिकरण के दायरा जहवां से बा, उहवें के अवैध प्लाटिंग करे वालन पs कार्रवाई कइलऽ जा रहलऽ बा। एकरे फायदा धंधाबाज उठा रहल बाड़े।

गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन पs नौसड़ से लेके डंवरपार तक ले सड़क के दुनो किनार पs प्लाटिंग कइलऽ गइलऽ बा। मेहरौली गांव के लगे ताल नंदौरो में खेत में ईटा से घेराबंदी कइके प्लाटिंग कइलऽ गइलऽ बा। सेवई के रहे वालन विनय सिंह बतावत बाड़े- तीन से चार साल में इहवां जमीनों के कीमत आसमान छूए लागल बा। बहुत कमे लोग ही नियम-कानून के पालन कइले बाड़े। ना तऽ इहवाँ तs एंग्रीमेंट कइके प्लाॅट बेचल जा रहलऽ बा। जब मामला फंसsता तs काश्तकार आ जमीन खरीदे वालन झेलत बाड़े। प्लाटिंग करे वालन पल्ला झाड़ लेत बाड़े।

गीडा के आसपास के इलाको में अवैध प्लाटिंग धड़ल्ले से कइलऽ जा रहल बा। मेडिकल कॉलेज आ फर्टिलाइजर क्षेत्र में सरैया के आगवा तक ले प्लाटिंग हो गइलऽ बा। इहवां 1200 से 1500 रुपये प्रति वर्ग फुट तक के जमीन बिक रहल बिया। सिक्टौर चौराहे के दुनो तरफ दु से तीन किमी तक प्लाटिंग हो गइलऽ बा। लोग जमीन लेके मकान बनवावल शुरू कर देले बा, जबकी मानचित्र पs अइसन कछो नइखे। मोहरीपुर पुल आ बालापार के आगे तकले इहे हाल बा। यहवां तs 2000 रुपये प्रति वर्ग फीट ले जमीन बिक रहल बिया।

सतर्कता से बच सकत बा पूंजी

अधिवक्ता रवि श्रीवास्तव कहलन कि जमीन के खरीद के पहले रजिस्ट्री कार्यालय में निर्धारित शुल्क जमा कइके कागजन के मुआयना करा लेवल बेहतर होला। खतौनी के साथ बारहसाला के जांच करे के चाहि। शुल्क बचावे के चक्कर में लोग लाखों के रकम गंवा के बइठल बाड़े। जदि कागजात के पड़ताल कइके जमीन खरिदेम तs ठगल जाए के डर ना रही। ना तऽ आए दिन जालसाजी के मामले सामने आ रहल बा। दोसरे के जमीन दिखइ के रजिस्ट्री करवा दे जा रहलऽ बा। जालसाजों के फेरा में फंसे वालन के जीवन भर के गाढ़ कमाई डूब जा रहलऽ बा।

जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन कहलन कि जीडीए आपन सीमा में समय-समय पs अवैध प्लाटिंग के खिलाफ अभियान चलावत रहेला। अबले चिह्नित 45 अवैध प्लाटिंग के ध्वस्त कइलऽ जा चुकल बा। शहर में अवैध निर्माण व अवैध प्लाटिंग के चिह्नित करे खातिर हाल ही में हाइटेक सुविधा से लैस एगो ड्रोन खरीदल गइलऽ बा। एह से शहर में निगरानी कर के अवैध निर्माण के चिह्नित करऽ कार्रवाई कइलऽ जा रहल बा।

फर्जी आदमी खड़ा कऽ के बेच देवलऽ गइलऽ जमीन

गुलरिहा थाना क्षेत्र के जैनपुर निवासी विवेक प्रजापति केस दर्ज करवले के जालसाजन ने एगो फर्जी व्यक्ति के जमीन बेंच देले। उऽ बतवले कि जवन व्यक्ति 50 साल से लापता बा, ओकर जमीन बेंच देवलऽ गइलऽ। एह मामिला में पुलिस केस दर्ज कई के एगो आरोपी के पकड़ले बा। अब ओकर बयान के आधार पs अन्य आरोपियों के तलाश कइलऽ जा रहल बा। जवन जमीन खरीदले रहे, ओकरो के दु लोगन के बेंच देले बा। अब ममिला खुलल तऽ सभी फर्जीवाडडा में फंस गइले।

14.73 लाख के जमीन खरीदल, अब दर्ज करइलख केस

गोरखपुर शहर के कुनराघाट के गोरखनाथ मिश्रा के पत्नी जयमति मिश्रा केस दर्ज करवले बाड़ी कि उनकर 14.73 लाख के रुपया के जमीन खरीदली, बाकी एहमें उनका संगे जालसाजी हो गइलऽ बा। उऽ बतsवली कि जमीन खरीदे से पहीले उनकर दस्तावेज के जांच करावे में चूक कर देलि, एकर खामियाजा इ भइल कि फर्जीवाड़ा कई के उनकर जमीन बेच देवल गइलऽ। रूपया खरचा कइलो के बावजूदो उनकरा के जमीन के मालिकाना हक नइखे मिल पाइल, जबकि अपना क्षतिपूर्ति खातिर मुकदमा के फेरा में पड़ गइली।

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