Amroha : जिला में वक्फ बोर्ड के 2500 संपत्ति... सैकड़ों विवादित एक्ट पs ,मुस्लिम समुदाय नइखे चाहत संशोधन
अमरोहा जिला में करीब ढाई हजार वक्फ संपत्ति बा जवना पर एक्ट में संशोधन के बाद असर पड़ सकेला। एकरा संगे-संगे सैकड़ों संपत्ति पs विवाद बा, ओकरा के लेके मुकदमा चलता।
केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन करे के तैयारी करतिया। संशोधन के बाद सरकार के सीधा हस्तक्षेप ए संपत्ति पs होई। अमरोहा जिला में करीब ढाई हजार वक्फ संपत्ति बा जवना पर एक्ट में संशोधन के बाद असर पड़ सकेला। एकरा संगे-संगे सैकड़ों संपत्ति पs विवाद बा, ओकरा के लेके मुकदमा चलता।
केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड में संशोधन करे वाला विधेयक ले आवे के तइयारी करत बिया । जवना में करीब 40 संशोधन प्रस्तावित कइल गइल बा। जिला के वक्फ संपत्ति भी एकरा दायरा में आ जाई। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मुताबिक, जिला में लगभग ढाई हजार शिया आ सुन्नी बोर्ड वक्फ के संपत्ति बा। जवना में कृषि, आवासीय आदि जमीन शामिल बा।
एह में से कुछ जमीन पर विवाद भी बा। ए कानून में संशोधन के बाद ई सब संपत्ति सरकार के देखरेख में आई। दरगाह आ इमांबरा के अलावे अमरोहा में अरबों के वक्फ संपत्ति बा। चर्चा होखता कि वकफ के अधिकांश संपत्ति पs अधिकार अउरी दावा के लेके रिश्तेदार के बीच मुकदमा चलता। जबकि बहुत संपत्ति पs अवैध कब्जा से जुड़ल कानूनी लड़ाई लखनऊ वक्फ ट्रिब्यूनल आ स्थानीय अदालत में लड़ल जाता।
वक्फ में संशोधन करे खातिर सरकार जवन भी प्रक्रिया अपना रहल बा, ऊ तार्किक नइखे। संशोधन के बाद सरकार वक्फ के संपत्ति में दखल दिही, जवन कि सही नईखे। -मतलूब सुबहानी, एडवोकेट
सरकार वोट बैंक के टैप करे खातिर ई संशोधन विधेयक ले आवत बिया । जदी एह संशोधन विधेयक से वक्फ के फायदा होई तs ठीक रही, बाकी वक्फ के संपत्ति के नुकसान हो गइल तs उ निमन ना होई। सरकार के भी ई संशोधन विधेयक ले आवे से पहिले जनमत लेवे के चाही।
- सलीम खान, एडवोकेट
वक्फ बोर्ड में संशोधन कइल उचित नइखे। एहसे वक्फ बोर्ड के आजादी खतम हो जाई। धार्मिक शिक्षा आ समुदाय खातीर लोग आपन संपत्ति वक्फ बोर्ड के देवेले। सरकार के एहमें दखल दिहल ठीक नइखे।
- मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी
जिला के चारो तहसील में वक्फ के संपत्ति बा। जवना के निगरानी कईल जाला। सरकार सभ संपत्ति के डाटा अपना संगे राखेले। सब तहसील में वक्फ प्रॉपर्टी के डाटा एकट्ठा कइल जा रहल बा।
- नौशाद अहमद, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी