For the best experience, open
https://m.khabarbhojpuri.com
on your mobile browser.
Advertisement

भोजपुरी के खांटी शब्दन के 'रखवार' हवे अरविंद अकेला

07:24 AM Sep 10, 2024 IST | khabar Bhojpuri Desk
भोजपुरी के खांटी शब्दन के  रखवार  हवे अरविंद अकेला
Advertisement

गोरखपुर। कवि/कहानीकार अरविंद अकेला भोजपुरी के खांटी शब्दन के 'रखवार' हवें। एकर जानकारी उनकर भोजपुरी कवितन आ कहानियन के पढ़ला-सुनला से होला।

Advertisement

एई विचार आज इहां खरैया पोखरा में आयोजित भोजपुरी संगम के 175 वीं बइठकी में अरविंद अकेला के कहानी 'भरम' के पाठ के बाद समीक्षा के दौरान उभरके सामने आइल। समीक्षक के रूप में डा. फूलचंद प्रसाद गुप्त, वरिष्ठ कवि धर्मेन्द्र त्रिपाठी आ नर्वदेश्वर सिंह मास्टर साहब रहे लो। कार्यक्रम के संचालन वरिष्ठ कवि अवधेश शर्मा 'नंद' आ अध्यक्षता रवीन्द्र मोहन त्रिपाठी कइलें। आपन मौखिक समीक्षा में धर्मेन्द्र त्रिपाठी कहलें कि अरविन्द अकेला के कहानी के कथानक जेतना सानदार है, ऊ ओतनही बेहतर शब्द चित्र बनवले बाड़ें।

कार्यक्रम के दूसरका चरण में डॉ. फूलचंद प्रसाद गुप्त, सुभाष यादव, चंद्रगुप्त वर्मा अकिंचन, ओम प्रकाश पांडेय आचार्य, नर्वदेश्वर सिंह, वीरेंद्र मिश्र दीपक, शैलेन्द्र असीम, मसरूरुल हसन बहार गोरखपुरी, राम सुधार सिंह सैंथवार, डॉ. अजय अंजान, श्रीमती कमलेश मिश्रा, अवधेश शर्मा नंद, अरविन्द अकेला, अजय कुमार, राम समुझ सांवरा, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, अविनाश पति त्रिपाठी, सूरज राम आदित्य काव्य पाठ कइल लो। एह अवसर पs सृजन गोरखपुरी, कुमार विनीत के विशेष उपस्थिति रहल।

कार्यक्रम के अंत में साहित्यिक संस्था अभिव्यक्ति के सचिव शशिविन्दु नारायण मिश्र के दिवंगत पिता जगदीश नारायण मिश्र के दु मिनट के मौन रखके श्रद्धांजलि दिहल गइल। कार्यक्रम के अंत में भोजपुरी संगम के संयोजक कुमार अभिनीत आभार व्यक्त कइलें।

Tags :
Advertisement