दो साल से लापता बा 7 गो अस्पताल, सेवा देवे खातिर एने - ओने भटकऽ ताड़े डॉक्टर
अरवल जिला में स्वास्थ्य विभाग के एगो अजीब कारनामा सोझा आइल बा। दु साल तक कागज पs संचालित सात अस्पताल के जमीन पs खोजबीन कइला के बाद ना मिलल। एह लापता अस्पतालन में नियुक्त डाक्टर लोग आपन योगदान देबे खातिर गाँवे गाँवे खोजत बाड़े।
अस्पताल भवन उपलब्ध ना होखे के चलते इहाँ नियुक्त डॉक्टर थाक हार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आपन योगदान देले बाड़े।
2019 में 9 पीएचसी बनावे के मंजूरी दिहल गइल रहे
सरकार 2019 में जिला में नौ गो अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनावे के मंजूरी देले रहे। केंद्र में छह बेड, लैब, रजिस्ट्रेशन काउंटर के संगे-संगे डॉक्टर के 24 घंटा, सप्ताह में सात दिन सेवा देवे के रहे।
घोषणा के तीन साल के भीतर सभ स्वास्थ्य केंद्र के परिचालन शुरू करे के रहे। जिला के शेरपुर, फखरपुर, खभैनी, इंजोर, बेलसार, बेलाव, रामपुर चाय, पिंजरावा आ निधवा में केंद्र के स्थापना होखे के रहे।
7 गो पीएचसी 2 साल से कागज पऽ संचालित बा
स्वास्थ्य विभाग पिंजरावा आ निधवा में किराया के भवन में केंद्र के संचालन कऽ दिहल गइल, बाकी सात केंद्र दु साल से खाली कागज पs संचालित बा। जमीन प अस्पताल के नांव पs बोर्ड तक ना रहे।
योगदान देवे खातिर डॉक्टर पहुंचले, बाकिर...
अचरज के बात ई बा कि तीन महीना पहिले एह सात गो लापता अस्पतालन खातिर आयुष डाक्टरन के भी नियुक्ति भइल रहे।आयुष के डॉक्टर जब योगदान देवे खातिर संबंधित केन्द्र में पहुंचले तऽ पता चलल कि जमीन पs कवनो अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नइखे, जवना के बाद स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पs डॉक्टर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में योगदान देले।
विभाग के उदासीनता के चलते आज तक सात अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू ना हो पावल। जमीन अउरी भवन के कमी के चलते इ सात केंद्र के कवनो सरकारी चाहे किराया के भवन में भी चलावल जा सकत रहे।
किराया के मकान में एक दर्जन अतिरिक्त पीएचसी
जिला में किराया के मकान में अबहियो करीब दर्जन भर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चलत बा। बाकिर जिला प्रशासन आ स्वास्थ्य विभाग एह सात केंद्र खातिर अइसन पहल ना कइलस।
एहसे एह केंद्र से जुड़ल मरीज के इलाज खातिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चाहे सदर अस्पताल अरवल जाए के पड़ेला, जवना में समय आ पईसा दुनो के खर्चा आवेला।साथही एह केन्द्रन पs नियुक्त डाक्टरन के एह मरीजन के इलाज के नांव पs हर महीना लाखो रुपिया वेतन का रूप में दिहल जा रहल बा।