Bihar news ; गौरी मौत के हरा के अंतिम संस्कार के चिता से उठल, ई लईकी शमशान से जिंदा लवटल, पूरा गांव चौंक गइल
मधुबनी जिला के लदनिया प्रखंड के भगवतीपुर गांव के 15 साल के गौरी कुमारी के गांव के डॉक्टर आ जयनगर के एगो बड़ अस्पताल के गलत इलाज के चलते मृत घोषित कs दिहल गइल।
“जाको राखे सईयाँ, मार सके ना कोई...” मधुबनी जिला के लदनिया प्रखंड के भगवतीपुर गाँव के 15 साल के गौरी कुमारी पर ई कहावत एकदम फिट बइठत बा। जबले भगवान के मर्जी ना होखे तबले केहू के कवनो नुकसान ना हो सके, चाहे केतनो डाक्टर आ लोग ओकरा के मरल घोषित कर देव।
मधुबनी जिला के लदनिया प्रखंड के भगवतीपुर गांव के 15 साल के गौरी कुमारी के गांव के डॉक्टर आ जयनगर के एगो बड़ अस्पताल के गलत इलाज के चलते मृत घोषित कs दिहल गइल। गौरी के दाह संस्कार करावे खातिर शमशान में ले आवल गइल रहे, बाकी अचानक ऊ अर्थी पs से उठ गइल, जवना से उहाँ मौजूद लोग के हैरान हो गइले।
भगवतीपुर निवासी आ दसवीं कक्षा के छात्रा गौरी कुमारी गरीब परिवार से आवेली। घर में गाय-भैंस बाड़ी सs, गोबर साफ करे जात घरी एगो जहरीला गेहूंअन साँप काट लिहलस। गेहूंअन साँप के काट बेहद जहरीला होला, आ एकरा चलते गौरी के मरल घोषित कर दिहल गइल।
परिवार के लोग अंतिम संस्कार खातीर शमशान में ले गइले। बाकिर जइसहीं ओकर दादी गौरी के छाती पर हाथ रखली, उनका दिल के धड़कन महसूस भइल। ई देख के सभे अचरज में पड़ गइल। तुरते ओकरा मुँह में पानी डालल गइल, जवन भीतर चल गइल।
एकरा बाद गौरी के पिता शमशान से वापस ले आके रात के 11:30 बजे जहर विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार सिंह के लगे पहुंचले। डाक्टर साहेब एक घंटा के भीतर ओकर इलाज कर दिहलन, जवना के चलते गौरी के जान बच गइल। ई घटना पिछला हफ्ता भइल रहे, आ अब गौरी पूरा तरह से स्वस्थ बाड़ी आ सामान्य रूप से चलत बाड़ी । ई घटना सबके अचरज में डाल दिहलस आ साबित कs देलस कि जब तक भगवान के इच्छा ना होई, तब तक केहु कुछूओ नइखे कs सकत।