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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पs भावुक होके बोलली बिलकिस बानो, "डेढ़ साल में पहिला बेर मुसका पवनी हs"

09:05 AM Jan 09, 2024 IST | Minee Upadhyay
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साल 2002 के गुजरात दंगा के दौरान सामूहिक बलात्कार के शिकार बिलकिस बानो सुप्रीम कोर्ट के ओर से 11 दोषी के सजा माफ करे के राज्य सरकार के फैसला के रद्द करे के फैसला पs प्रतिक्रिया देले बाड़ी। बिलकिस बानो कहली कि न्याय अईसन लागेला। गुजरात सरकार के सजा में छूट देवे के फैसला के खारिज करत कोर्ट इहो कहलस कि राज्य सरकार बिना सोचले-समझले इs आदेश जारी कईले बिया। बिलकिस बानो अपना वकील शोभा गुप्ता के माध्यम से इs बयान जारी कईली, बानो ए फैसला खातीर सुप्रीम कोर्ट के धन्यवाद देत कहली कि, आज हमरा खातीर सचमुच एगो नाया साल बा।

उ आगे कहली कि, "एह राहत से हमरा आंख में खुशी के लोर आईल। डेढ़ साल से जादे समय में हम पहिला बेर मुस्कुराए में कामयाब भईनी। हम अपना बच्चा के गले लगा लेनी। लागल जईसे पहाड़ के आकार के पत्थर छाती से निकाल दिहल गइल बा। आ हम फेर से साँस ले सकीलें.” बानो आगे कहले कि, न्याय अयीसन होखेला। हम भारत के सुप्रीम कोर्ट के धन्यवाद देत बानी कि हमरा बच्चा अवुरी महिला के हर जगह बराबर न्याय के वादा कs के हमरा के इs समर्थन अवुरी उम्मीद दिहलस।" गुजरात सरकार पs अपना सत्ता के दुरुपयोग करे के आरोप लगावत। आज सुप्रीम कोर्ट 11 दोषी के भी वापस जाए के निर्देश देले बा।... 2 हफ्ता के भीतर जेल के सजा सुनावल गईल।

बयान में बानो आगे कहली कि उनुका जईसन संघर्ष कबहूँ अकेले नईखे लड़ल जा सकत। उ कहली कि हमार पति अवुरी हमार बच्चा हमरा संगे बाड़े। हमरा लगे हमार दोस्त बाड़े जे एह समय में हमरा के एतना प्यार देले बाड़े, अवुरी हर कठिन मोड़ पs हमार हाथ पकड़ले बाड़े। हमरा लगे एगो असाधारण वकील एडवोकेट शोभा गुप्ता बाड़ी, जे हमरा संगे 20 साल से जादे समय से बाड़ी अवुरी उ हमरा के कबहूँ न्याय के बारे में उम्मीद ना छोड़े देल्ही।'' उ कहली कि, 'डेढ़ साल पहिले 15 अगस्त 2022, जब हमार दिल तब टूट गइल जब हमरा परिवार के तबाह करे वाला आ हमरा अस्तित्व के आतंकित करे वाला लोग के जल्दी रिहाई दिहल गइल।”

बानो आगे लेटर में कहली कि उनुका लागता कि उनुकर “हिम्मत” खतम हो गईल बा, हालांकि ए बीच लोग उनुकर समर्थन कईले, बानो कहली कि, भारत के हजारों आम लोग अवुरी महिला आगे आईल, उ लोग हमरा संगे खड़ा भईले, हमार समर्थन कईले अवुरी पीआईएल दायर कईले सुप्रीम कोर्ट में भइल। देश भर से 6 हजार आ मुंबई से 8500 लोग अपील लिखले, दस हजार लोग खुला चिट्ठी लिखले। कर्नाटक के 29 जिला से 40 हजार लोग अइसने कइल।" उ कहली कि, "एह में से हरेक लोग के, आपके अनमोल एकजुटता अवुरी समर्थन खातीर हमार आभार। रउरा हमरा के खाली हमरा खाती ना, बालुक भारत के हर महिला खातीर न्याय के विचार के बचावे खातीर लड़ाई लड़े के इच्छाशक्ति देनी। हम आपके धन्यवाद देतानी।"

 

 

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