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COP-29: जलवायु वित्त मसौदा के बहिष्कार, विकसित देस मांगल लो 500 अरब डॉलर सालाना; अमीर देसन के इन्कार

11:56 AM Nov 24, 2024 IST | khabar Bhojpuri Desk
कॉप-29
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अजरबैजान में चल रहल संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (कॉप-29) में विकासशील आ गरीब देसन के ओर नया जलवायु वित्त मसौदा के बहिष्कार कs दिहल गइल। गरीब देसन के वार्ताकार लोग कहल कि एह देसन के सालाना 250 ना बलुक 500 अरब डॉलर चाहीं। अमीर देस एतना राशि देवे से फिलहाल इन्कार कs देले बाड़ें सs। सनीचर के वार्ता में विकसित-विकासशील देसन के वार्ताकार प्रस्ताव पs चरचा करत रहे लो।

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नया मसौदा में राशि बहुत जादे- विकसित देस 

अमीर देसन के वार्ताकारन के कहनाम बा कि नया मसौदा में राशि बहुत जादे बा। एकरा चलते वित्तपोषण में जोगदान देवे वाले देसन के संख्या नइखे बढ़ सकत। ऊ लोग कहल, कवनो विकसित राष्ट्र एतना बड़ राशि देवे में सहज नइखे। दूसरका तरफ, विकासशील आ गरीब देसन के वार्ताकार कहल लो, ई राशि जलवायु परिवर्तन से निपटे खातिर बहुत कम बा। वार्ता में अफ्रीकी आ छोट द्वीप देसन, अल्प विकसित देस आ छोट द्वीप देसन के गठबंधन (एओएसआईएस) के वार्ताकारन के समूह बाहर चल गइल। ऊ लोग कहल कि एह गैरप्रासंगिक मसौदा पs बातचीत नइखी कइल चाहत सs।

300 अरब डॉलरो पs ना बनल कवनो बात

सुक के आधिकारिक जलवायु वित्त मसौदा में 2035 तक सालाना 250 अरब डॉलर देवे के वादा कइल गइल रहे, जवन 15 बरिस पहिले तय 100 अरब डॉलर के पिछलका लक्ष्य से दोगुनो से जादे बा। सनीचर के 300 अरब डॉलर के मसौदा पs चरचा भइल बाकिर, गतिरोध टूट ना सकल। ई राशि यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे जापान, कनाडा, न्यूजीलैंड आ स्विट्जरलैंड के देवे के होई। मसौदा में 2035 तक सालाना 1.3 लाख करोड़ डॉलर जलवायु वित्त जुटावे के लक्ष्य बा।

नया मसौदा पूर्ण आपदा आ खोखला वादन से भरल: थनबर्ग

प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जलवायु वित्त पs मसौदा पाठ के आलोचना कइलें आ एकरा के ‘पूर्ण आपदा’ आ पहिलही जलवायु संकट झेल रहल लाखन लोगन खातिर ‘मौत के सजा’ बतवलें। ऊ कहलें, जइसन कि जलवायु बैठक अपना अंत तक पहुंच रहल बा, आश्चर्य के बात ना होखे के चाहीं कि एगो आउर कॉप वारता विफल हो रहल बा। ई सत्ता में बइठल लोगन के ओर से कइल गइल कि एगो आउर विश्वासघात बा। थनबर्ग कहलें, जलवायु संकट के चलते लाखन जिनगी बर्बाद हो गइल बा भा तबाह होखे वाला बा। कॉप-29 के मवजूदा पाठ झूठ समाधानन आ खोखला वादन से भरल बा।

खुलके सामने आइल विकसित आ विकासशील देसन के परेसानी

कॉप-29 वार्ता तंग घरेलू बजट से विवश अमीर देसन के सरकारन आ जलवायु परिवर्तन के कारण तूफान, बाढ़ आ सूखा के बढ़न्ती लागत से जूझ रहल विकासशील देसन के मजबूरियन के खुलके उजागर कs देले बा। नया लक्ष्य के मकसद 2020 तक हर साल गरीब देसन खातिर जलवायु वित्त में 100 अरब डॉलर प्रदान करे खातिर विकसित देसन के पिछला प्रतिबद्धता के प्रतिस्थापित कइल बा। ई लक्ष्य दु साल देरी से, 2022 में पूरा कइल गइल आ 2025 में समाप्त हो रहल बा।

हर मिनट हम कमजोर होते जा रहल बानी सs: गोमेज

पनामा के मुख्य वार्ताकार जुआन कार्लोस मोंटेरे गोमेज बोललें, हमनी के हर मिनट बीतला के संगे कमजोर होत जा रहल बानी सs। गोमेज कहलें, अमीर देस हमेशा से प्रकृति के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनावत आइल बाड़ें सs। ऊ अभियो इहे कs रहल बा लो। अफ्रीका के मोहम्मद अडो कहलें कि विकासशील देसन के मंत्रियन आ प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख आखिरी सांस तक उम्मीद ना छोड़ल लो। जलवायु परिवर्तन में अमीर देसन के जोगदान जादे रहल बा। अइसन में ओकनी के पीछे ना हटे के चाहीं।

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