Mathura: श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लगे ज्ञानवापी होखे के दावा, अब कोर्ट में जाई ममिला आ होई ASI सर्वे के मांग
काशी में ज्ञानवापी पs विवाद के बीच अब नया विवाद मथुरा से सामने आइल बा। इहां श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लगे इस्थित एगो मजार के हिंदू पक्ष ज्ञानवापी होखे के दावा कइले बा। आरोप लगावल गइल बा कि पोतरा कुंड के लगे चक्रवति सम्राट के भाई राजा भर्तृहरि के समाधि आ ज्ञानवापी बा।
सन् 1987 में मथुरा नगर पालिका में तैनात कर अधिकारी कमरुद्दीन अभिलेखन में छेड़छाड़ कs के एकरा के ज्ञान बावड़ी से शाही बावड़ी कs देले रहे। वक्फ बोर्ड से एकरा के वक्फ संख्या-75 संपत्ति घोषित करा देलस। भर्तृहरि के समाधि के हजरत उम्रदराज बावड़ी वाला बाबा के मजार में तब्दील कs दिहल गइल।
1994 में नगर पालिका हिंदू पक्ष के दलीलन के सही पावत रिकॉर्ड दुरुस्त कइलस। 1997 में तत्कालीन एडीएम प्रशासन/वक्फ सर्वे अधिकारी आरडी पालीवाल मुस्लिमन के इहां इबादत ना करे के आदेस देलस। एकरा बाद इहां इबादत जारी बा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति ट्रस्ट के अध्यक्ष आ जन्मभूमि पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह बतवलें कि एह ममिला में सिविल वाद कोर्ट में दायर कइल जई।
मुस्लिम पक्ष के दावा
डीग गेट निवासी मुशीर अंसारी वर्तमान में एह मजार के देखरेख करत बा। बियफे के इहां इबादत, चादर चढ़ावे जइसन धार्मिक अनुष्ठान होत बा। मुशीर अंसारी के कहनाम बा कि एह मजार पs ऊ तीसरका पीढ़ी के सेवादार बाड़ें। हिंदू पक्ष गलत तरीका से दावा पेश कs रहल बा।
कोर्ट से कइल जाई एएसआई सर्वे के मांग
अधिवक्ता आ जन्मभूमि के पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह बतवलें कि ज्ञानवापी आ काशी पूरा संसार में सनातन धरम के दुगो बड़ केंद्र बा। इहां पs ज्ञानवापी होखल लाजिमी बा। जवना प्रकार से काशी में बाबा विश्वनाथ के लगे ज्ञानवापी बा। ओहि प्रकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लगे ज्ञानवापी बा।
इहां मुस्लिमन के धार्मिक स्थल होखे के का औचित्य बा। कोर्ट में सिविल वाद दाखिल कइल जाई। सबसे पहिले 1997 के आदेस के अनुपालन करावे के अनुरोध कइल जाई। एकरा बाद एकरा खातिर एएसआई सर्वे के मांग कइल जाई। काशी के तरे एक दिन इहवां हिंदू पूजा करी लो।