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सारण के लाल शहीद 'दीपक यादव' के अंतिम बिदाई में उमरल जन सैलाब, नम भइल सभकर आँख

10:25 AM Aug 13, 2024 IST | Sonu Kishor
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शहीद दीपक यादव को सोमार के देर शाम राजकीय सम्मान के साथे अंतिम बिदाई दिहल गइल। शहीद दीपक यादव के अंतिम बिदाई में पूरा जन सैलाब रहल। ई खबर सुनते पूरा दूर दाराज के गाँव से लोग अंतिम दर्शन खातिर पहुँचले। दीपक यादव छपरा के बनियापुर के लौला कला गांव के रहे वाला रहलें । जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में शनिचर के आतंकियन से मुठभेड़ में शहीद भइलन। शहीद के इकलौता बेटा रजनीश उनका के मुखाग्नि देले। इहो फौज में जाए के इच्छा जतवले बाड़न। ओहिजा मौजूद दादा पोता के सेना के अधिकारी बनावे के बात कहले बाड़न।

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शहीद दीपक, इंडियन आर्मी के पैरा कमांडो में बतौर हवलदार तैनात रहलें। ई इंडियन क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के साथ ड्यूटी करत रहलें। शव के साथ आइल सेना के जवान लो बतावल कि उनका बटालियन के कमांडेंट महेंद्र सिंह धोनी हउअन। धोनी भारतीय सेना में कार्यरत बाड़े। दीपक, धोनी के जूनियर के रूप में काम करत रहलें।

एतवार के परिवार के शहीद होखे के मिलल रहे सूचना

मीडिया से बातचीत में शहीद दीपक के पिता बतवलें कि शुक के अंतिम बेर दीपक से बात भइल रहे। घर के हाल समाचार लेले, फिर फोन काट देले। एतवार के शहीद होखे के खबर मिलल। हमार दू गो बेटा बाड़न आ दूनु जाना भारतीय फौज में कार्यरत बाड़न।

दू बेटन में से एगो शहीद हो गइल। एगो बाप होखे के नाते गम के साथे गर्व महसूस हो रहल बा। हमार खून देश के काम आइल। शरीर के अंतिम खून तक देश के सेवा करे के जज्बा राखत बानीं। शहीद के पिता बतवलें कि हमार पोता बा। जवना के पढ़ा लिखा के सेना में अधिकारी के रूप में देखल चाहऽ तानी, जो अपना गांव से लेके जिला के नांव रोशन करें।

हमहू फौज में गइल चाहऽ तानी

मुखाग्नि देला के बाद शाहिद दीपक के बेटा रजनीश बतवले कि हमरा अपना पापा पs गर्व बा। हमरा प्राउड बा कि हमार पापा शहीद भइल बाड़न। हम चाहऽ तानी कि उनकर स्टैचू बने, ताकि हमनीं के उनका के याद करत रहीं। हमहू NCC जॉइन कइल चाहऽ तानी आ हमहू फौज में जाइल चाहऽ तानी।

बेटा के फौज में नइखी भेजल चाहत माई

एने, शहीद के पत्नी अनिता यादव बातचीत के दौरान बतवली कि अंतिम घरी गुड मॉर्निंग के मैसेज आइल। फिर एतवार के जेसीओ मैडम आ अन्य फौजी घरे अइलें, उनका घायल होखे के बात बताके गांव लेके चल देले। गांवे अइला के बाद शाहिद होखे के बात बतावल गइल। शहीद के इकलौता बेटा के फौज में भेजे के बात पs कहली कि बेटा के फौज में नइखी भेजल चाहत। बेटा के पढ़ा लिखा के डॉक्टर-इंजीनियर भा कवनो दोसर अधिकारी बनावल चाहऽ ताड़ी।

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