Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेई के पुण्यतिथि: एगो राष्ट्र नायक के याद में
आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आजु पुण्यतिथि हs। 25 दिसम्बर 1924 के जनमल अटल बिहारी वाजपेयी के निधन 16 अगस्त 2018 के हो गइल. भारत रत्न अटल जी एगो कुशल राजनीतिज्ञ के साथे एगो जानल मानल कवि भी रहले। इहे कारन रहे कि कवि के झलक अक्सर उनुका भाषणन में लउकत रहे। अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में कहल जाता कि जब भी उs सदन के संबोधित करत रहले तs सत्ताधारी पार्टी ना, विपक्षी सांसद भी उनुकर बात बहुत गंभीरता से सुनत रहले।
अटल बिहारी वाजपेयी : संक्षिप्त परिचय
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के एगो महत्वपूर्ण व्यक्तित्व रहले, जे अपना कार्यकाल में देश के एगो नया दिशा देवे के काम कईले। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता वाजपेयी 1996, 1998 अवुरी 1999 में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में काम कईले अवुरी नेतृत्व क्षमता के चलते उनुकर बहुत सम्मान रहे। 1977 के मोरारजी देसाई सरकार में विदेश मंत्री भी रहले।
मुख्य उपलब्धि आ योगदान
*आर्थिक सुधार आ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास : वाजपेयी के नेतृत्व में भारत कई गो महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार कइलस। उनकर सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) आ भारतीय उपग्रह कार्यक्रम जइसन बड़हन बुनियादी ढांचा परियोजना के शुरुआत भइल।
*नरेंद्र मोदी के समर्थन : वाजपेयी जी नरेन्द्र मोदी समेत भारतीय राजनीति में युवा नेता के प्रोत्साहित कइले। उs मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त कईले, जवन बाद में भारत के प्रधानमंत्री बनले।
*कश्मीर समस्या पs दृष्टिकोण : वाजपेयी जी कश्मीर समस्या के समाधान खातिर बहुत प्रयास कइले आ शांति स्थापित करे खातिर पाकिस्तान से बातचीत के शुरुआत कइले।
*न्यूक्लियर कार्यक्रम : 1998 में भारत पोखरण-2 के तहत परमाणु परीक्षण कईलस जवन वाजपेयी के सरकार के दौरान भईल रहे। एह कदम से भारत परमाणु शक्ति बन गइल आ वैश्विक राजनीति में देश के स्थिति मजबूत भइल.
एगो चर्चित अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण
"सरकार आत रही जात रही बाकिर..."
31 मई 1996 के संसद में ट्रस्ट वोट के दौरान अटल जी भाषण देले रहले अवुरी कहले रहले कि, "देश आज संकट से घेरल बा। हमनी के इs संकट नईखी पैदा कईले। जब भी जरूरत पड़ल तs संकट के समाधान में हमनी के मदद कईली। ओह घरी के सरकार के मदद कइली. सत्ता के खेल जारी रही, सरकार आत रही जात रही बाकिर... ई देश बनल रहे के चाहीं, एह देश के लोकतंत्र अमर रहे के चाहीं."
लोकप्रियता आ व्यक्तित्व
वाजपेयी अपना काव्य हृदय, सुशासन आ संवेदना खातिर मशहूर रहले. उनकर वक्तृत्व कौशल आ सोच-समझलता उनका के भारत के जनता के बीच एगो खास स्थान अर्जित कइलस। ऊ अइसन नेता रहले जे हमेशा लोकतंत्र आ सांस्कृतिक विविधता के रक्षा करत रहले.