For the best experience, open
https://m.khabarbhojpuri.com
on your mobile browser.
Advertisement

पुण्यतिथि विशेष : ब्रह्मेश्वर मुखिया के रहले, जेकरा हत्या के बाद भोजपुर से लेके पटना तक तांडव मैच गइल, सीबीआई अभी तक हत्या के रहस्य के सुलझा ना पवलस

01:53 PM Jun 01, 2024 IST | Raj Nandani
पुण्यतिथि विशेष   ब्रह्मेश्वर मुखिया के रहले  जेकरा हत्या के बाद भोजपुर से लेके पटना तक तांडव मैच गइल  सीबीआई अभी तक हत्या के रहस्य के सुलझा ना पवलस
Advertisement

तारीख आज 1 जून साल 2012 , सबेरे 4:15 बजत रहे। बिहार के शाहबाद के भोजपुर जिला के खोपिरा गांव के निवासी ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह उर्फ मुखिया के सबेरे उठे के आदत रहे। ऊ सूरज उगे से पहिले जाग के सबेरे टहलत रहले। 9 साल के जेल के सजा काटला के बाद अभी-अभी बहरी निकलल मुखिया मॉर्निंग वॉक खातीर निकलेले आ उनका घर से मात्र 200 मीटर दूर उनका पs 6 लोग गोली चलल। ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह के मौका पs मौत हो गइल। एकरा बाद ऊ काला दिन बिहार के इतिहास के पन्ना में दर्ज हो गइल। मगध क्षेत्र होखे चाहे शाहाबाद क्षेत्र, उनकर सब समर्थक, 3 लाख से जादे संख्या में उनका अंतिम संस्कार के जुलूस में भाग लेलख। पुलिस प्रशासन ओह दिन एकदम बेबस लउकत रहे।

Advertisement

जब भोजपुर से पटना तक तांडव मच गइल

मुखिया के हत्या से बिहार से लेके दिल्ली तक के राजनीति गरमा गइल। आरा आ पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद आ गया जिला समेत अउरी जगहन पर गड़बड़ी आ हिंसा देखल गइल । आरा में सरकारी मशीनरी के निशाना बनावल गइल। स्टेशन से लेके सर्किट हाउस तक आग लगा दिहल गइल। आरा में भी भीड़ तत्कालीन डीजीपी अभयानंद पs हमला करे के कोशिश कइलस आ उनका पs हाथ तक उठवलस। भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर आ पूर्व विधायक रामाधर शर्मा पs हमला भइल। लागत रहे कि ओह घरी पूरा बिहार लाचार हो गइल बा ।

के रहले ब्रह्मेश्वर मुखिया 

साल 1917 के बात हs, ओह घरी ब्रह्मेश्वर सिंह मुखिया के जनम तक ना भइल रहे। बाकिर ई साल बहुते जरूरी बा । कारण बा रणवीर चौधरी जिनकर नाम पर रणवीर सेना स्थापित बा। शाहबाद के भोजपुर इलाका में राजपूत के बोलबाला रहे। ओह लोग के हाथ से जमीन छीन के भूमिहारन के सौंप दिहल जात रहे । रणवीर चौधरी ओह व्यक्ति के नाम रहे जेकरा के भूमिहार के मसीहा मानल जात रहे। रणवीर सेना के स्थापना उनका नाम पर साल 1994 में भइल रहे। नक्सली आंदोलन 1967 में बंगाल के नक्सलबारी से शुरू भइल रहे । बंगाल के जमींदारन के जमीन पर लाल झंडा फहरावल गइल । इहे से नक्सली आन्दोलन के शुरुआत होला जवन बिहार पहुंचे तक अतना भयानक रूप ले लेलख कि अकेले 1990 से 2002 के बीच चार दर्जन से अधिका खूनी नरसंहार हो चलल। जवना में हर वर्ग के लोग के हत्या भइल। ब्रह्मेश्वर मुखिया के जनम खोपिरा गाँव में भइल रहे। ऊ अपना गाँव के मुखिया रहले। रणवीर सेना आ मुखिया पs बारा आ सेनारी के बदला लेवे खातीर 1 दिसंबर 1997 के लक्ष्मणपुर बाथे में 58 लोग के हत्या के आरोप रहे।एकरा बाद रणवीर सेना पs बथनी टोला समेत कुछ नरसंहार के आरोप भी लागल। 29 अगस्त 2002 के पुलिस पटना के एक्जीबिशन रोड से ब्रह्मेश्वर मुखिया के गिरफ्तार कs लेलस। तब तक ब्रह्मेश्वर मुखिया पs 277 लोग के हत्या आ ओ लोग से जुड़ल 22 अलग-अलग मामला के आरोप लागल रहे। 9 साल के जेल के सजा काटला के बाद 8 जुलाई 2011 के रिहा हो गइल रहे। जेल से रिहाई के बाद ब्रह्मेश्वर मुखिया 5 मई 2012 के अखिल भारतीय राष्ट्रवादी किसान संगठन के नाम पs एगो संस्था बनवले आ कहले कि ऊ मुख्यधारा में आके किसान के हित खातीर लड़ाई लड़ब।

सीबीआई अब ले हत्या के रहस्य के सुलझा ना पवलस

ब्रह्मेश्वर मुखिया के हत्या के एक साल बाद सीबीआई जुलाई 2013 में आपन प्राथमिकी दर्ज करवले रहे। बाकी हत्या के कारण खोज के हत्यारा के पकड़ल तs छोड़ीं, सीबीआई दोषी के पता तक ना लगा पवलस। सीबीआई ए मामला के जांच शुरू कइला के बाद हत्यारा के सुराग मिलला पs तीन बेर दस लाख रुपया के इनाम के घोषणा भइल। एह सालन में छह बेर इनाम के पोस्टर भी चिपकल रहे बाकी जांच एजेंसी के उपलब्धि शून्य बा।

Tags :
Advertisement