ओमान में भारतीय दस्तावेजन के डिजिटल रूपांतरण कइल गइल
ओमान में भारत के ऐतिहासिक दस्तावेजन के संरक्षित राखे के दिशा में भारतीय दूतावास आ भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) मिलके ऐतिहासिक दस्तावेजन के डिजिटल रुपांतरण कइलस। 'द ओमान कलेक्शन- अर्काइवल हेरिटेज ऑफ द इंडियन कम्युनिटी इन ओमान' नाम से परियोजना में 32 भारतीय परिवार आपन योगदान देलस। एमें अधिकतर गुजरात के लोग रहे जवन अब ओमान में बस गइल बा।
अलग - अलग भाषा में बा ई कागजात
अंग्रेजी, अरबी, गुजराती आ हिंदी भाषा में 7000 से बेसी दस्तावेज ओमान में बसल एही परिवारन के निजी संग्रह से मिलल। एह कुल दस्तावेजन के स्कैन कऽ के डिजिटल तौर पs संरक्षित कर लिहल गइल। एह कागजातन पs 1838 से लेके 20वीं सदी के शुरुआत के तारीख अंकित रहे। एमें निजी डायरी, अकाउंट बुक, ट्रेड इनवॉयस, पासपोर्ट, पत्र बा।
ओमान बन गइल बा आपन घर
ओमान में भारतीय राजदूत अमित नारंग कहले, 'भारतीय समुदाय के इतिहास के दस्तवेजन के समेंट के डिजिटल बनावल उल्लेखनीय पहल बा।' एमें पुरनका समुदाय के सदस्य आ उनका लो के निजी बयानो बा।