सबेरे-सबेरे: नस चढ़ले पs करीं इs 2 गो योगासन, हाथ गोड़ के मिली राहत
कई बेर उठत भा बइठत घरी हाथ गोड़ में नस चढ़ जाला. इs एगो आम समस्या हs, जवना के चलते प्रभावित आदमी के हाथ अवुरी गोड़ के मांसपेशी में बहुत तनाव अवुरी दर्द महसूस होखे लागेला। कई बेर ई समस्या अतना असहनीय हो जाला कि पीड़ित के दर्द के सहल मुश्किल हो जाला। आईं बता दी कि हाथ-गोड़ में चढ़ल नस के पीछे आमतौर पs शरीर में पानी के कमी के चलते मांसपेशी के कमजोर होखेला, शरीर में पोटेशियम अवुरी कैल्शियम के कमी के चलते मांसपेशी में ऐंठन अवुरी खून के संचार के कमी जईसन छिपल कारण होखेला। अगर इs समस्या आपके बहुत बार परेशान करेले, तs एs 2 गो योगासन के अपना दिनचर्या में शामिल करीं। इs 2 गो योग आसन मांसपेशी के मजबूत कs के वैरिकाज़ नस के समस्या के प्रभावी ढंग से नियंत्रित कs सकता।
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन अइसन योग मुद्रा हs जवना में शरीर से हवा निकलेला आ कई तरह के बेमारी एकरा से ठीक हो जाला। एह आसन के अंगरेजी में 'Wind Releasing Pose' कहल जाला। पवनमुक्तासन शरीर में खून के संचार बढ़ा के मांसपेशियन के आराम देला। जवन वैरिकाज़ नस के समस्या से भी राहत देवेला। पवनमुक्तासन करे खातिर सीधा शांत जगह पर लेट जाइ। एकरा बाद साँस लेत घरी गोड़ के 90 डिग्री ले उठा के साँस छोड़ीं, गोड़ मोड़ के घुटना के छाती तक ले आवे के कोशिश करीं। अब अँगुरी से घुटना पकड़ के माथा उठा के घुटना से माथे छूईं। एह मुद्रा में रहत घरी साँस सामान्य राखीं. अब पहिले आपन माथा नीचे ले आईं आ फेर गोड़। ई योग आसन 2 से 3 बार करीं।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन गोड़ के मांसपेशी के मजबूत कs के खून के संचार में सुधार करेला। त्रिकोणासन के अभ्यास करे खातिर दुनो गोड़ पसार के खड़ा होखे के चाहीं। एक हाथ के ऊपर आ दूसरा हाथ के नीचे ले जाके त्रिकोण के आकार बनाईं। इs योग कईला से आपके मांसपेशियन पs सकारात्मक असर पड़ेला। इs आसन आपके कूल्ह अवुरी जांघ में अकड़न के कम कs सकता। संगही, एs आसन के कईला से आपके शरीर के मुद्रा के सुधारल जा सकता।