फाइलेरिया के दवाई खाये से पहिले करीं ई काम : उल्टी आ चक्कर आवेला, एल्बेंडाजोल के लेके डॉक्टर बतवलें जरूरी टिप्स
सारण में फाइलेरिया के दवा लेला के बाद लईकन के परेसानियन के सामना करे के पड़त बा। अइसन इस्थिति जिला में ना होखे एकरा खातिर हर हाल में आशा कार्यकर्तन के निरदेसित कइल गइल बा कि कवनो परिस्थिति में खाली पेट दवा के सेवन नइखे करावे के। काहेकि खाली पेट दवाइयन के सेवन करे से लईकन आ किशोरन के उल्टी, चक्कर, पेट में दरद भा माथा में दरद के शिकायत हो सकत बा।
एल्बेंडाजोल के दवा देह में मवजूद कृमियो के मारेला, जवना कारण एह तरे के परेसानी उत्पन्न होत बा। फाइलेरिया उन्मूलन के लेके सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के सुरुआत हो चुकल बा। मंगर तक जिला में बूथ लगाके दवाइयन के सेवन करावल जाई। जवना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रन, निजी आ सरकारी स्कूलन, कॉलेजन आदि स्थानन पs बूथ लगाके खियावे खातिर विभागीय स्तर पs स्थलन के चयन कs लिहल गइल बा।
ओकरा बाद आशा कार्यकर्तन कावर से घर-घर जाके फाइलेरिया रोधी दवाइयन के सेवन करावल जात बा, बाकिर अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग आशा कार्यकर्तन के विशेष रूप से सजग रहे खातिर जरुरी दिसा निरदेस दिहल गइल बा। हालांकि, अभी तक कवनो लाभार्थी भा क्षेत्रन से कवनो अप्रिय सूचना नइखे मिलल, बाकिर सजग रहे के आवश्यकता बा।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह बतवलें कि फाइलेरिया रोधी दवा गुणवत्ता आ प्रभाव स्तर पs पूर्णतया असरदार आ सुरक्षित बा। बाकिर कवनो कारणवश दवा सेवन के बाद जदि कवनो तरे के शारीरिक शिकायत होत बा तs ई स्पष्ट बा कि देह में पहिले से फाइलेरिया के परजीवी मवजूद रहे।
एही कारण दवा सेवन से परजीवी मरेला, हालांकि उल्टी, चक्कर भा माथा में दरद जइसन - छोट- मोट शिकायत सुने के मिल सकत बा। जदि रउआ एकरा के दूसरा रूप में समझीं तs ई एगो सुभ संकेत बा कि दवा फाइलेरिया परजीवी के मारे में असरदार साबित हो रहल बा।
एगो बात इयाद रखे के होई कि फाइलेरिया के परजीवी देह में मवजूद होखे आ दवा के सेवन ना कइल गइल तs फाइलेरिया से संक्रमित होखे के संभावना बनल रही। ई परजीवी पांच से 10 साल के बादो रउआ के फाइलेरिया से ग्रसित कs सकत बा। एहिसे हमनी के हर हाल में दवा सेवन ख़ुद करे के होई आ अपना परिजन के करावे के होई।