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का सरकार के अनुच्छेद 39(ख) के तहत आपके संपत्ति प कब्जा करे के अधिकार बा?

08:06 AM May 16, 2024 IST | Raj Nandani
का सरकार के अनुच्छेद 39 ख  के तहत आपके संपत्ति प कब्जा करे के अधिकार बा
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वर्ल्ड इनक्वालिटी डाटाबेस के एगो ताजा अध्ययन में कहल गइल बा कि भारत में धन के असमानता अब ब्रिटिश शासन के समय से अधिका बा। एकरा बारे में संसद संभावित रूप से ‘वेल्थ टैक्स’ लागू कर सकेले, जवना में एगो निश्चित शुद्ध संपत्ति वाला लोग के अपना धन प 2% टैक्स (वेल्थ टैक्स) देवे के होई।

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आजकाल्ह देश में उत्तराधिकार अधिनियम परl बहस चलत बा । अमेरिका में विरासत कर के लेके कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान के बाद भाजपा लगातार कांग्रेस प हमला करतिया। जबकि कांग्रेस इ कह के अपना के दूर क लेले बिया कि इ उनकर निजी बयान ह। हालांकि भाजपा कांग्रेस प तुष्टीकरण के राजनीति करे के आरोप लगावतिया। विरासत कर के संबंध में दिहल बयान के बारे में भाजपा के कहनाम बा कि जनता के निजी संपत्ति के अल्पसंख्यक में बांटे के योजना बनावल जाता। एही बीच सवाल बा कि का 39(बी) सरकार के आपके निजी संपत्ति प कब्जा करे के अधिकार देले बा। सुप्रीम कोर्ट एह मामिला के सुनवाई का बाद आपन फैसला सुरक्षित राख चुकल बा ।

बता दीं कि 1992 में दायर संपत्ति विवाद के मामला में सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 39 (ख) के फेर से व्याख्या करे के जरूरत महसूस कइले बा। राज्य नीति के निर्देशात्मक सिद्धांत आम तौर प कोर्ट के कानून द्वारा लागू ना हो सके ला। संविधान सभा के एगो सदस्य त पूरा हिस्सा के 'भावना के डस्टबिन' तक बतवले। बाकी अनुच्छेद 39(ख) अलग बा। एकर आधार अनुच्छेद 31 सी बा जवना में कहल गइल बा कि अनुच्छेद 39(ख) के आगे बढ़ावे खातिर संसद के बनावल कानून भले ऊ समानता आ व्यापार के स्वतंत्रता जइसन मौलिक अधिकारन के उल्लंघन करे तबो अमान्य नइखे । बता दीं कि एह मामला में दुनो प्रावधान के बीच के संबंध भी सुप्रीम कोर्ट के सोझा मुद्दा बा।

"भारत में धन के असमानता पहिले से ज्यादा"।

वर्ल्ड इनक्वालिटी डाटाबेस के एगो ताजा अध्ययन में कहल गइल बा कि भारत में धन के असमानता अब ब्रिटिश शासन के समय से अधिका बा। एकरा बारे में संसद संभावित रूप से ‘धन कर’ लागू कर सकेले, जवना में एगो निश्चित नेटवर्थ वाला लोग के अपना धन प 2% टैक्स देवे के होई। चुकी इ समानता, जीवन आ व्यक्तिगत स्वतंत्रता आ व्यापार के आजादी जइसन मौलिक अधिकार के उल्लंघन करता, एहसे ए कानून के चुनौती दिहल बेकार होई, काहेंकी अनुच्छेद 39(बी) के समर्थन अनुच्छेद 31सी से मिलता।

अनुच्छेद 39(ख) के गांधी के विचार

ए मामला प सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड कहले रहले कि अनुच्छेद 39(बी) के व्याख्या पूरा तरीका से साम्यवादी चाहे समाजवादी अर्थ में नइखे कइल जा सकत। उ एह प्रावधान में गांधी के सोच देखले एही से उम्मीद बा कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 39(ख) के अउरी करीब से व्याख्या करी| निजी संपत्ति के पूरा तरीका से छोड़ल नइखे जा सकत, बाकी कुछ खास प्रकार के निजी संपत्ति के ट्रस्ट में घोषित कइल जा सकता।

निजी संपत्ति प सुप्रीम कोर्ट के का राय बा?

का संविधान के अनुच्छेद 39(ख) के तहत निजी संपत्ति के समुदाय के भौतिक संसाधन मानल जा सकेला? सीजेआई के नेतृत्व में नौ सदस्यीय संविधान पीठ के ओर से दायर याचिका के सुनवाई कइल गइल कि राज्य सरकार एकरा के जनहित में कब्जा क सकता कि ना सुनवाई के अंतिम दिन मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड एगो उदाहरण देत पूछले भारत से बाहर सेमीकंडक्टर चिप्स निर्माता के देश में यूनिट बनावे के कहल जाला लेकिन बाद में बतावल जाला कि इ समुदाय के भौतिक संसाधन ह, आ एकरा के छीन लिहल जाई, त देश में निवेश के करी?

टॉप कोर्ट कहलस कि, "त सवाल बा कि का कवनो आदमी निवेश क के फैक्ट्री बनावेला आ उत्पादन शुरू करेला। काल्ह इ नइखे कहल जा सकत कि मजदूर के बांटे के मकसद से एकरा के छीन लिहल जाई। एकरा संगे-संगे The Constitution bench।" के 9 जज एह मामिला के सुनवाई पूरा कइले आ आपन फैसला सुरक्षित राख लिहले ।

अमेरिका के विरासत के कानून का ह?

अमेरिका में दू तरह के संपत्ति कर लगावल जाला । एगो धन कर आ दोसरका विरासत कर । अमेरिका के 12 राज्यन में संपत्ति कर लगावल जाला।

महज छह गो राज्यन में विरासत कर लगावल जाला । एस्टेट टैक्स के 'डेथ टैक्स' के नाम से भी जानल जाला। इ एगो संघीय कानून ह। एकरा के कवनो आदमी के मौत के बाद ओकर संपत्ति के हस्तांतरण प लगावल जाला। मानल जाला कि इ कर संपत्ति के बकाया बा, लाभार्थी के ना। संपत्ति कर 18 से 40 प्रतिशत के बीच हो सकता।

एकरा उलटा विरासत कर ओह आदमी पर लगावल जाला जे पइसा, संपत्ति भा कवनो दोसरा धन के विरासत में मिलत बा । ई कवनो आदमी के मौत पर ओकर संपत्ति के हस्तांतरण पर लगावल जाला । जवना राज्य में ऊ बा, ओह राज्य में ई लागू होला, भलही लाभार्थी दोसरा राज्य में रहत होखे लाभार्थी के ई कर देबे के पड़ी ।

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