झारखंड में ED के कार्रवाई, मंत्री मिथिलेश ठाकुर कहलें- ई राजनीतिक छापेमारी हs
रांची। झारखंड में एह दिनन प्रवर्तन निदेशालय (ED) सक्रिय हो रहल बा। जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन में कथित अनियमिततन के लेके मनी लॉंड्रिंग के एगो ममिला में ईडी रांची में कइयन जगहन पs कार्रवाई कइले बा। एही ममिला के जांच के दौरान ईडी झारखंड के राजधानी में करीबन 20 जगहन पs छापेमारी कइलस।
ईडी आईएएस अधिकारी मनीष रंजन, पेयजल आ स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर आउर निजी कर्मचारी सहित कुछ सरकारी अधिकारी, ठेकेदार आ बेयेपारियन के परिसर में छापेमारी कइले बा। खबरन के अनुसार, संगही मिथिलेश ठाकुर के भाई आ पीएस के ठिकानन के तलाशी लिहल गई।
ई राजनीतिक छापेमारी हs, ना कि ईडी के छापेमारी
एह पूरा घटना पs मंत्री मिथिलेश ठाकुर कहलें कि अब हमरा एह तरे के कार्रवाई के आदत हो गइल बा। आगे ऊ कहलें कि रउआ जानत बानी, एह लोगन के टारगेट का बा। ई ईडी के छापेमारी ना हs, बलूक राजनीतिक छापेमारी हs। जदि ईडी पूरा पारदर्शिता से काम करी, तs हम ओकर पूरा सहजोग करेमे। ईडी के कठपुतली के तरे काम ना करे के चाहीं।
फांसी पs लटक जाएम, बाकिर बीजेपी में….
आगे ठाकुर कहलें कि उनका पs भारतीय जनता पार्टी में सामिल होखे के लमहर समय से दबाव बनावल जात रहे, बाकिर हम फांसी पs चढ़ जाएम, बीजेपी में सामिल ना होखेम। चाहे हमार पूरा खानदान जेल में सड़ जाव, बाकिर दबाव के राजनीति ना करेम। ठाकुर कहलें कि झारखंड के जनता के संगे धोखा आ छल ना होखे देम।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पs बात करत ऊ कहलें कि सीएम झारखंड के अंतिम पंक्ति के लोगन तक हक आ उनकर अधिकार पहुंचावे के बीड़ा उठवले बाड़ें। जब बिना कवनो अपराध के राज्य के सीएम के 5 महीना जेल में रख सकत बा लो, तs कुछ साल हमहूं जेल में रह लेम।
ईडी के इस्तेमाल कठपुतली के रूप में
मंत्री मिथिलेश ठाकुर कहलें कि जदि ईडी पूरा पारदर्शिता से काम करे, तs हम हर तरे से ओकर सहजोग करे के तइयार बानी। ईडी के कठपुतली ना बने के चाहीं। बीजेपी पs कटाक्ष करत ऊ कहलें कि राज्य में बीजेपी हार मान चुकल बिया, एहिसे अब ऊ लोग ईडी के इस्तेमाल कs रहल बा। केंद्रीय जांच एजेंसी अब हाली केंद्र सरकार के इशारन पs काम कs रहल बिया। बता दीं कि ईडी रांची में 20 से जादे अधिकारियन के आवास पs छापेमारी कइले बा।
हेमंत सोरेन बीजेपी पs लगवलें आरोप
एह ममिला में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कहनाम बा कि ई सब बीजेपी के सोचल समझल साजिश हs। ई सब आवे वाला चुनाव के तहत कइल जा रहल बा। सोरेन कहलें कि ई सब बीजेपी के सोची समझल रणनीति हs।