Mahakumbh: 29 जनवरी के होई दूसरका अमृत स्नान, जानीं काहें इs बा दिन बेहद खास
महाकुंभ के शुरुआत के एक हफ्ता हो गईल। 13 जनवरी से शुरू भइल रहे, तब से संगम स्नान खातिर रोज लाखों भक्त प्रयागराज पहुंच रहल बाड़े। बता दीं कि महाकुंभ में शाही स्नान (अमृत स्नान) के एगो अलगे महत्व दिहल गइल बा. एह दिन नागा साधू आ ओह लोग के आखर के खुशी देखे लायक बा. पहिला अमृत स्नान 14 जनवरी के भइल रहे। आज के दिन 3.5 करोड़ भक्त गंगा में डुबकी लगवले। अब दूसरका अमृत स्नान जनवरी के अंत में होखे वाला बा।
दूसरका अमृत स्नान कब बा?
महाकुंभ के दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी के होई। अइसना में ई दिन बहुते खास मानल जाला काहे कि ई दिन मौनी अमावस्या हs. सभ अमावस्या में मौनी अमावस्या के खास महत्व बा। एकरा के मगही भा माघ अमावस्या के नाम से भी जानल जाला। कुछ संत लोग भी एह दिन मौन के व्रत करेला। एह दिन के बहुते खास अमृत स्नान मानल जाला काहे कि बहुते दुर्लभ संजोग हो रहल बा. असल में एह दिन चंद्रमा, बुध आ सूर्य मकर राशि में त्रिवेणी योग के निर्माण कs रहल बाड़े।
कब से कब ले मौनी अमावस्या बा?
पंचांग के मुताबिक, माघ महीना के अमावस्या तिथि 28 जनवरी के सांझ 7.32 बजे से शुरू होई, अवुरी 29 जनवरी के सांझ 6.05 बजे खतम होई।
अमृत स्नान करे के शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त 29 जनवरी के सबेरे 05.25 से 6.18 बजे ले होई। ओकरा बाद सबेरे आ साँझ के मुहूर्ता सबेरे 05.51 बजे से सबेरे 07.11 बजे ले होखी.
ई अमावस्या खास काहे बा?
धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पुरखा लोग के प्रार्थना कइला से ओह लोग के पुरखा लोग के शांति मिलेला। एकरा से आदमी के अपना पुरखा के आशीर्वाद मिल जाला। एह दिन पुरखा लोग के प्रसाद आ दान देके व्यक्ति अपना कुंडली के दोष से मुक्ति पा सकेला। एकरा अलावे मौन के व्रत रखला से वाक सिद्धि में भी सफलता मिलेला।
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