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Mahakumbh: महाकुंभ में स्नान करे पs का फल मिलेला? जानीं एकर महत्व आ नियम

12:54 PM Jan 10, 2025 IST | Minee Upadhyay
Mahakumbh
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12 साल के लंबा इंतजार के बाद अब प्रयागराज में महाकुंभ मेला होखे जा रहल बा।  ई दुनिया के सबसे बड़ धार्मिक संस्कार ह, भारत आ विदेश से करोड़ों लोग आस्था के डुबकी लगावे खातिर इहाँ आई।  कहल जाला कि महाकुंभ दुनिया के सबसे पुरान संस्कार ह, एकरा से पुरान कवनो धर्म के कवनो संस्कार अभी तक लिखित रूप में ना खुलल बा।  महाकुंभ में स्नान आ ध्यान के आपन महत्व बा।  अइसना में हमनी के बतावल जाव कि महाकुंभ में नहाए के महत्व आ नियम का बा...

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प्रयागराज के महाकुंभ का महत्व

प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन होखे से पहिले यानी 12 साल पहिले हरिद्वार में महाकुंभ के आयोजन होत रहे।  एही कारण से लोग के महाकुंभ प बहुत विश्वास बा।  महाकुंभ देश के सबसे बड़ धार्मिक आ सांस्कृतिक अनुष्ठान हs, ई हर 12 साल पs देश के मात्र 4 जगह – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन आ नासिक पs होला।  हरिद्वार, उज्जैन आ नासिक में एक-एक नदी बा जबकि प्रयागराज में तीन गो नदी के संगम बा, एही से प्रयागराज के अन्य तीर्थ यात्रा के बीच एगो ऊँच स्थान दिहल गइल बा।  हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में क्षिप्रा नदी आ नासिक में गोदावरी नदी बा, जबकि प्रयागराज तीनों नदी गंगा, यमुना आ सरस्वती के संगम हs।  एकरा चलते महाकुंभ में नहाए के महत्व बढ़ जाला।

नहाए के सही नियम का बा?
अगर रउरा महाकुंभ में नहाए वाला बानी तs कुछ नियम जरूर ध्यान में राखीं, ना तs महाकुंभ में नहाए के नतीजा ना मिल पाई.

*अगर आप शाही स्नान के दिन महाकुंभ पहुंचल बानी तs याद राखीं कि नागा साधू लोग के इहाँ पहिला स्नान करे के अधिकार बा, एहसे गलती से भी ओ लोग के सोझा नहाए के ना चाहीं ।

*साधू लोग के बाद नहाये के काम कs सकेनी, फेर नहाए के बाद सूर्य भगवान के जल चढ़ावे के चाही।  अइसन कइला से रउरा सद्गुणी परिणाम मिलेला.

*नहात घरी ध्यान रहे कि अगर आप परिवार के सदस्य बानी तs आपके इच्छा के मुताबिक डुबकी ना लेवे के चाही, शास्त्र के मुताबिक बियाहल लोग खातीर 5 बेर डुबकी लगावल अनिवार्य बा।

*एकरा बाद घर से लेहल सामान (अनाज, कपड़ा आदि) गरीब आ जरूरतमंद लोग के जरूर दान करीं।

कवन फल मिलेला?
प्रयागराज के महाकुंभ में शाही स्नान के दिन के खास महत्व बा, बाकिर भले आप सामान्य दिन में गईल बानी, बाकिर एकर महत्व कम ना होखेला। कहल जाला कि जिनगी में एक बेर भी महाकुंभ पहुंच के नहाए के बा तs एह जनम के पाप के संगे पछिला जनम के पाप भी बह जाला।  एकरा अलावा तोहरा पुरखा के आत्मा भी शांति आ मोक्ष के प्राप्ति करेला।

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