Sawan 2024 Somwa: सावन के तिसरका सोमार के दिन एह विधि आ मंत्रन के जाप के साथे करीं पूजा
सावन के तीसरका सोमार व्रत 2024 : सावन के पूरा महीना भोलेनाथ के भक्ति में समर्पित बा, बाकिर शास्त्र में एह महीना में पड़े वाला सोमार के सबसे जादा महत्व के बात बतावल गईल बा। सावन के सोमार के व्रत रख के आ विधिवत तरीका से भगवान शिव के संगे देवी गौरी के पूजा कईला से सभ मनोकामना पूरा हो जाला। अब तक सावन महीना के दु सोमार के व्रत पूरा हो चुकल बा। 5 अगस्त के सावन के तीसरा सोमार के व्रत राखल जाई। तs आईं पूजा विधि, मंत्र आ महत्व के बारे में जानीं।
सावन के सोमार व्रत के महत्व
धार्मिक मान्यता के मुताबिक सावन के सोमार के व्रत राखे अवुरी भगवान शिव के पूजा करेवाली लईकिन के एगो उपयुक्त अवुरी मनचाहा दूल्हा मिलेला। संगही, सावन सोमार के रोजा रखे वाली शादीशुदा महिला के बियाहल जीवन सुखद होखेला अवुरी घर में सुख-समृद्धि रहेला।
शिव जी के मंत्र
नमो नीलकण्ठाय।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् । सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।।
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
शिव जी के मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय।।
सावन के तीसरका सोमार के एही विधि से भगवान शिव के पूजा करीं
•सावन के सोमार के सबेरे सबेरे उठ के नहाए वगैरह आ साफ कपड़ा पहिन के।
•एकरा बाद मंदिर के साफ कs के गंगा के पानी छिड़की।
•हाथ में पानी लेके वर्त रखे के प्रण ले लीं।
•शिवलिंग के पानी भा गंगा पानी आ कच्चा दूध चढ़ाईं।
•शिवलिंग पs चीनी, मिठाई, शहद, पंचामृत, सुपारी के पत्ता, भांग, दतुरा, शमी के पत्ता, फल, फूल, सफेद भा पीयर चंदन आ अउरी पूजा सामग्री चढ़ावल जाला।
•देवी पार्वती के बियाह के सामान सिंदूर, बिंदी, अल्ता आ चूड़ी आदि चढ़ाईं।
•अब भगवान शिव आ माता पार्वती के सामने घी भा तेल के दीप जराईं।
•पूजा के बाद शिव चालीसा के पाठ करीं आ मंत्र के जाप करीं।
• फेर भगवान शिव के आरती करीं।