For the best experience, open
https://m.khabarbhojpuri.com
on your mobile browser.
Advertisement

केदारनाथ मंदिर के पास ग्लेशियर टूट के गिरल, बर्फबारी देखते मंदिर से भक्तन के भीड़ भागे लागल

10:55 AM Jul 01, 2024 IST | Raj Nandani
केदारनाथ मंदिर के पास ग्लेशियर टूट के गिरल  बर्फबारी देखते मंदिर से भक्तन के भीड़ भागे लागल
Advertisement

नई दिल्ली : केदारनाथ मंदिर के पास ग्लेशियर टूटल : मानसून के बावजूद हजारों भक्त उत्तराखंड के बाबा केदारनाथ धाम के दर्शन करे खातिर इहाँ पहुंच रहल बाड़े। यात्रा के पहिला दिन से केदारपुरी में आस्था के बाढ़ देखल जा रहल बा। एही बीच केदारनाथ मंदिर के पीछे पहाड़ी में बर्फ नदी के बहाव के घटना सोझा आईल बा। हालांकि एह बर्फ के तूफान भा ग्लेशियर के चलते कवनो जान-माल के नुकसान ना भइल। एह घटना से जुड़ल एगो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहल बा। एह वीडियो में बर्फ से बहत नदी के नजारा काफी भयावह लागत बा। देखल जा रहल बा कि बर्फबारी देखते ही भक्तन के भीड़ मंदिर से भागे लागल।

Advertisement

इहो बतावल जा रहल बा कि रविवार के सबेरे करीब 5.06 बजे गांधी सरोवर के ऊपर पहाड़ से ग्लेशियर गिरे लागल। बर्फ गिरत देख के लोग में दहशत मच गइल। सौभाग्य रहे कि एह बर्फीला तूफान के चलते कवनो तरह के नुकसान ना भइल।

Glacier Broke Near Kedarnath Temple : सबेरे 5 बजे से हिमस्खलन शुरू हो गइल

बता दीं कि घटना के संबंध में केदारनाथ के सेक्टर ऑफिसर के कहनाम बा कि बर्फीला पहाड़ी पs बीच-बीच में हिमस्खलन आवत रहेला। रविवार के सबेरे करीब पांच बजे गांधी सरोवर के ऊपर हिमस्खलन शुरू भइल। बर्फ पहाड़ी से नीचे सरक गइल आ बर्फ के धुँआ निकले लागल। एकरा बाद केदानगर में हलचल मच गइल, बाकी राहत के बात रहे कि कवनो जान-माल के नुकसान ना भइल।

केदारनाथ मंदिर के पास ग्लेशियर टूट गइल : 2013 में भी भयंकर बाढ़ आइल रहे

इहां बता दीं कि साल 2013 में केदारनाथ में बादल फटला के चलते भयंकर बाढ़ आइल रहे। एह बाढ़ में सब कुछ तबाह हो गइल। बहुत दिन बाद केदारनाथ धाम में जीवन सामान्य हो गइल रहे। अइसने में आज जब पहाड़ी से बर्फ के तूफान नीचे आवत रहे तs लोग के साँस रुक गइल।

उत्तराखंड में ई पहिला बेर नइखे जब ग्लेशियर पिघले के मामला सामने आइल बा । राज्य में कई गो ग्लेशियर बाड़ी सs जे लगातार पिघल रहल बाड़ी सs, आ इनहन के पिघले के गति भी बहुत तेज बा। जानकारी के मोताबिक इहाँ हर साल 15 से 20 मीटर के ग्लेशियर पिघल रहल बा। जवन एह घटना के प्रामाणिकता प्रदान करेला।

Tags :
Advertisement