वापस पाकिस्तान जा...', हाईकोर्ट शरणार्थियन पs नाराज हो गइल, कहलस- भारत के उदारता के ज्यादा फायदा उठावल जाता
हाईकोर्ट यमन से आइल एगो शरणार्थी के कड़ा फटकार दिहले बा । कोर्ट कहलस कि ऊ इहाँ भारत के नियम के मुताबिक ही रह सकतारे। उनका भारत के उदारता के फायदा ना उठावे के चाही ।
बम्बई हाईकोर्ट एगो शरणार्थी के कड़ा फटकार दिहले बा। ऊ निर्धारित अवधि से जादे समय तक भारत में रहत रहले। कोर्ट कहलस कि भारत के उदारता के जादा फायदा ना उठावे के चाही। जदी चाहत रहे तs पड़ोसी देश पाकिस्तान भा खाड़ी के कवनो देश में जाए के सलाह तक दे सकत रहले। कुछ समय पहिले शरणार्थी के 'भारत छोड़ के नोटिस' जारी भइल रहे। कोर्ट याचिकाकर्ता के ओर से कहलस कि ऊ पछिला 10 साल से भारत में रहत बाड़े। एह से ओकरा के इहाँ से बाहर ना भेजल जाव।
का बात बा?
यमन के नागरिक खालिद गोमेई मोहम्मद हसन पिछला 10 साल से भारत में रहत रहले। निर्धारित अवधि से अधिका समय तक भारत में रहला के बाद पुणे पुलिस उनका के नोटिस जारी कs देलस। हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहित डेरे आ जस्टिस पृथ्वीराज चावन के पीठ एह मामिला के सुनवाई कइलस। लाइव लॉ के रिपोर्ट के मुताबिक जज लोग के कहनाम रहे कि, आप पाकिस्तान जा सकतानी, जवन कि पड़ोस में बा भा रउरा कवनो खाड़ी देश में जा सकेनी। भारत के उदार रवैया के लाभ ना उठाई।
ध्यान रहे कि हसन के लगे शरणार्थी कार्ड बा। ऊ आस्ट्रेलिया जाए के चाहत बाड़े। भारत अब उनका के देश निकाला करे के तइयारी में लागल बा। एकरा से बचे खातिर ऊ हाईकोर्ट में संपर्क कइले बाड़े। अपना याचिका में हसन कहले कि यमन सबसे खराब मानवीय संकट से गुजर रहल बा आ एहीसे ऊ पछिला 10 साल से भारत में रहत बाड़े। उऊ याचिका में कहले कि 45 लाख नागरिक विस्थापित हो चुकल बाड़े।
स्टूडेंट वीजा पर भारत आइल
बता दीं कि हसन मार्च 2014 में स्टूडेंट वीजा पर भारत आइल रहले। एकरा बाद 2015 में उनकर पत्नी भी मेडिकल वीजा पs इहाँ आइल रहली। हसन के पत्नी के वीजा सितंबर 2015 में खतम हो गइल रहे, जबकि फरवरी 2017 में उनकर वीजा खतम हो गइल रहे। पुलिस उनका खिलाफ लीव इंडिया के नोटिस जारी क देलस। पुलिस 14 दिन के भीतर भारत छोड़े के कहलस। हसन कम से कम तब तक देश निकाला से सुरक्षा मंगले रहले जब तक कि उनका ऑस्ट्रेलिया के वीजा ना मिल गइल। कोर्ट कहलस कि, हमनी के आपके सुरक्षा सिर्फ 15 दिन खातिर दे सकतानी एकरा से जादे ना।