गोरखपुर : एक करोड़ रुपया के फर्जी डाक टिकट से गिरफ्तार भइल मास्टरमाइंड, 84 साल के कमरुद्दीन 40 साल से कारोबार करत रहे
ए लोग से एक करोड़ 52 हजार 30 रुपया के फर्जी डाक टिकट के अलावे छपाई मशीन, यूपी आ बिहार के गैर न्यायिक डाक टिकट, एगो लैपटॉप, स्याही के सौ पैकेट, पेपर कटर मशीन आ सादा कागज बरामद भइल बा।
पुलिस फर्जी डाक टिकट बनावे वाला गिरोह के भंडाफोड़ क के 84 बरीस के मोहम्मद कमरुद्दीन समेत सात गो अपराधियन के गिरफ्तार कर लिहले बिया । ए लोग से एक करोड़ 52 हजार 30 रुपया के फर्जी डाक टिकट के अलावे छपाई मशीन, यूपी आ बिहार के गैर न्यायिक डाक टिकट, एगो लैपटॉप, स्याही के सौ पैकेट, पेपर कटर मशीन आ सादा कागज बरामद भइल बा।
पुलिस के मुताबिक कमरुद्दीन ए गिरोह के मास्टरमाइंड हवे आ पछिला 40 साल से उ ए धंधा में लागल बाड़े। एह में उनकर पोता साहेबजादे भी शामिल बाड़े। बिहार के सिवान में फर्जी डाक टिकट छपत रहे आ यूपी के गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज वगैरह हिस्सा में बेचल जात रहे । एह गिरोह में अइसन विक्रेता शामिल पावल गइलें जे खजाना का तरफ से डाक टिकट बेचे के अधिकृत बाड़े । शुक का दिने आरोपियन के अदालत में पेश कइल गइल जहाँ से ओह लोग के जेल भेज दिहल गइल । आरोपी में रामलखन जायसवाल, ऐश मोहम्मद, कुशीनगर के रविंद्र दीक्षित, देवरिया के संतोष गुप्ता अवुरी नंदू उर्फ नंदलाल शामिल बाड़े।
जांच तीन महीना तक चलल
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर प्रेस कांफ्रेंस में बतवले कि गोरखपुर कोर्ट में इस्तेमाल भइल नकली डाक टिकट के मामला सोझा अइला के बाद मामला दर्ज भइल। एसआईटी के तीन महीना के जांच के आधार प इ गिरफ्तारी भइल बा। कुशीनगर से एगो विक्रेता के गिरफ्तारी के बाद सिवान के कमरुद्दीन के नाम सोझा आइल। पूरा मामिला उनका गिरफ्तारी से ही सोझा आईल। कमरुद्दीन के 1986 में बिहार पुलिस के ओर से भी जेल भेजल गइल रहे, बाकी कोर्ट उनका के बरी क देलस। एसएसपी बतवले कि, गिरोह से जुड़ल आ बहुत लोग के नाम भी सोझा आइल बा, जवना के तलाशी लिहल जाता।