For the best experience, open
https://m.khabarbhojpuri.com
on your mobile browser.
Advertisement

Guru Pradosh Vrat : जानीं गुरु प्रदोष व्रत के पूजा विधि, मुहूर्त या महत्व 

11:44 AM Nov 27, 2024 IST | Minee Upadhyay
guru pradosh vrat   जानीं गुरु प्रदोष व्रत के पूजा विधि  मुहूर्त या महत्व 
गुरु प्रदोष व्रत
Advertisement

Advertisement

गुरु प्रदोष व्रत भगवान शिव (शिव पूजा) के समर्पित व्रत हs। प्रदोष व्रत महीना में दू बेर शुक्ल पक्ष आ कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि के पड़ेला। सप्ताह के जवने दिन ई व्रत पड़ेला ओकरा आधार पs एकर अलग-अलग नाम भी होला, जइसे कि - सोमवार के बा तs प्रदोष के सोम प्रदोष कहल जाला, मंगल के पड़े वाला प्रदोष के भौम प्रदोष कहल जाला आ शनिचर के पड़े वाला प्रदोष के शनि प्रदोष कहल जाला।  अइसन स्थिति में आईं 28 नवम्बर के बियफ़ें के गुरु प्रदोष व्रत के शुभ समय, पूजा विधि (प्रदोष व्रत पूजा विधि) आ महत्व के बारे में जानी..

गुरु प्रदोष व्रत मुहूरत नवम्बर 

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष महीना के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी (कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि) तिथि 28 नवम्बर के सबेरे 06:23 बजे से सुरू हो जाई। एकरा साथे ही त्रयोदशी तिथि 29 नवम्बर के सबेरे 08:39 बजे समाप्त होई। उदयतिथी के चलते 28 नवम्बर के गुरु प्रदेश के व्रत मनावल जाई।

गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि

एह दिन सबेरे उठ के नहा के साफ कपड़ा पहिरे के चाहीं। एकरा बाद भगवान शिव के ध्यान करीं आ एह दिन भगवान शिव के पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में धतूरा, बेलपत्र, फल आ मिठाई के अर्पित करे के संकल्प करीं। फेर धूप आ माटी के दीप से आपन आरती करी। एकरा बाद पढ़ीं प्रदोष व्रत कथा के कहानी। अंत में भगवान शिव आ देवी पार्वती के आरती करीं आ प्रसाद चढ़ाईं।

गुरु प्रदोष व्रत के महत्व

प्रदोष व्रत के भगवान शिव के पूजा खातिर बहुत शुभ मानल जाला, काहे कि मानल जाला कि एह समय उs अपना भक्तन के आशीर्वाद देवे खातिर ब्राह्मांडिय तांडव नृत्य करेले। इहो कहल जाला कि प्रदोष काल (प्रदोष काल कब से कब तक बा) में व्रत रखला आ पूजा कइला से भक्त के सभ बाधा दूर हो जाला आ जीवन में सुख समृद्धि आवेला।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस’ कब मनावल जाई?, जानीं

Tags :
Advertisement