बियफ़ें आरती : बियफ़ें के करीं बृहस्पति देव के आरती, होइ कुल इच्छा पूरा
हर दिन कवनो ना कवनो देवता के पूजा में समर्पित होला। बियफ़ें के भगवान विष्णु अवुरी बृहस्पति देव के समर्पित मानल जाला। एह दिन भगवान विष्णु आ केला के पेड़ के पूजा होला। धार्मिक मान्यता बा कि जवना आदमी के कुंडली में बृहस्पति कमजोर स्थिति में होखे ओकरा गुरुवार के व्रत करे के चाही। एह से गुरु के स्थिति में सुधार होला। शास्त्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह के सफलता आ समृद्धि के कारक मानल जाला। मानल जाला कि बृहस्पति ग्रह व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ कारक लेके आवेला। अगर बृहस्पति मजबूत बा तs पईसा, वैवाहिक जीवन चाहे बच्चा से जुड़ल कवनो समस्या नईखे। मानल जाला कि गुरुवार के व्रत में भगवान विष्णु के आशीर्वाद भी मिलेला। गुरुवार के व्रत करे वाला भक्त लोग पूजा अर्पण के बाद भगवान बृहस्पति के आरती भी करे। बृहस्पति देव के पूरा आरती इहाँ पढ़ल जाव।
गुरुवार के आरती।।
ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा।
छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥
तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बन्धन हारी॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥
सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो।
विषय विकार मिटाओ, सन्तन सुखकारी॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥
जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे।
जेष्टानन्द बन्द सो सो निश्चय पावे॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥