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Biyafe Vrat Aarti: ओम जय बृहस्‍पति देवा, घर में सुख समृद्धि खातीर गाईं बीयफ़ें के आरती

12:43 PM Jan 18, 2024 IST | Minee Upadhyay
biyafe vrat aarti  ओम जय बृहस्‍पति देवा  घर में सुख समृद्धि खातीर गाईं बीयफ़ें के आरती
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ॐ जय बृहस्पति देवा, प्रभु जय बृहस्पति देवा। भगवान बृहस्पति भगवान विष्णु के रूप हवें। उहे देवता के कल्याण खातिर बृहस्पति के रूप लेके देवता के गुरु बनल। जे लोग हर बीयफ़ें के भगवान बृहस्पति के पूजा करेला अवुरी घी के दीप देखावेला अवुरी आपन परिवार के संगे इs बीयफ़ें के आरती गावेला, उ लोग कहेले कि भगवान बृहस्पति उनुका से बहुत खुश बाड़े। ज्योतिष में देव गुरु बृहस्पति के एगो शुभ ग्रह बतावल गइल बा जवन परिवार में धर्म, धन, सुख आ आनन्द प्रदान करेला। बीयफ़ें के भगवान विष्णु के मूर्ति चाहे चित्र के सामने रख के गुरु बहस्पति के पूजा करी अवुरी केला के जड़ के दूध जड़ में अर्पित करीं अवुरी प्रसाद के रूप में दाल भी चढ़ाई अवुरी इs आरती गाई।

🌺ओम जय बृहस्पति देवा, जय जय बृहस्पति देवा।

छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।

जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।

सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण धरे।

प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।

पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

सकल मनोरथ दायक, सब संशय टारो।

विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे। हे गुरु मन को लगाके गावे।

कष्ट हरो तुम उनके, मन इच्छित फल पावे।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।🌺

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