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Hanuman ji ke Aarti: मंगल के दिने जरूर करीं हनुमान जी के आरती, जीवन के सभ दुख-दरद हो जाई दूर

11:10 AM Oct 01, 2024 IST | Minee Upadhyay
हनुमान जी के आरती: फोटो
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मंगल के दिने बजरंगबली के पूजा कइला से भक्तन के परेशानी से मुक्ति मिल जाला आ ओह लोग के सगरी मनोकामना पूरा हो सकेला. मंगल के दिने हनुमान चालीसा पढ़ला के बाद हनुमान जी के आरती करे के खास महत्व बा. हनुमान जी के आरती सुनला से जिनगी के सब दुख आ परेशानी दूर हो जाला। मानल जाला कि शनिदेव हनुमान भक्तन पs भी आशीर्वाद बरसावेला। भगवान हनुमान जी के आरती करला से जीवन के सब परेशानी दूर हो जाला।

हनुमान जी के आरती

 

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥

वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

॥ आरती ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे ।

रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई ।

संतन के प्रभु सदा सहाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।

लंका जारि सिया सुधि लाये ॥

लंका सो कोट समुद्र सी खाई

जात पवनसुत बार न लाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

लंका जारि असुर संहारे ।

सियाराम जी के काज सँवारे ॥

लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।

लाये संजिवन प्राण उबारे ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

पैठि पताल तोरि जमकारे ।

अहिरावण की भुजा उखारे ॥

बाईं भुजा असुर दल मारे ।

दाहिने भुजा संतजन तारे ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।

जय जय जय हनुमान उचारें ॥

कंचन थार कपूर लौ छाई ।

आरती करत अंजना माई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।

बसहिं बैकुंठ परम पद पावे

लंक विध्वंस किये रघुराई ।

तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

॥ इति संपूर्णंम् ॥

 

 

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