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Haunted story: ओह 200 साल पुरान भूतिया पोखरा के कहानी...गाँव के लोग दुपहरिया में ओकरा ओर जाए से डेरात रहे

11:10 AM Jul 27, 2024 IST | Khabar Editor
haunted story  ओह 200 साल पुरान भूतिया पोखरा के कहानी   गाँव के लोग दुपहरिया में ओकरा ओर जाए से डेरात रहे
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वैशाली जिला के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के मिश्रौलिया गांव में लगभग 200 साल पुरान पोखरा बा। गांव के लोग के मुताबिक पहिले ए तालाब के नाम कुछ अउरी रहे, बाकी कुछ घटना अइसन भइल कि ओकरा बाद से एकर नाम भूतिया पोखरा राखल गइल। ई पोखरा भी बहुत असमय मौत के साक्षी बा।

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वैशाली के धरती में मौजूद एगो पोखरा जवन पूरा दुनिया के गणतंत्र के पाठ सिखवलस, जनता खातिर भय के कारण बन गइल बा। डर अइसन बा कि दिन में 12 बजे के बाद एह पोखरा के आसपास केहू ना लउकेला। लगभग 200 साल पुरान ई पोखरा वैशाली के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के मिश्रौलिया गांव में मौजूद बा।

गांव के लोग के मुताबिक पहिले ए तालाब के नाम कुछ अउरी रहे, बाकी कुछ घटना अइसन भइल कि ओकरा बाद से एकर नाम भूतिया पोखरा रखा गइल। ई पोखरा भी बहुत असमय मौत के साक्षी बा। हालांकि, पोखरा के लगे पेड़ पs मौजूद कथित भूत के अपना आंख से देखेवाला लोग पs विश्वास कइल हमनी आ रउवा खातीर बिल्कुल आसान नइखे।

चश्मेज 50 साल पहिले एगो भूत देखले रहले, उनकर दावा बा कि 50 साल पहिले जब ऊ 12 साल के रहले तs ऊ कहीं जात रहले। उनका संगे चार गो अउरी लोग रहे। तबे गाँव के एगो मामा उनका के फोन कs के इहाँ आवे के कहले। पास पहुँचते ऊ कहले, देखऽ पेड़ के ऊपर का बा? एकरा बाद चश्मेज आँख उठा के देखले तs देखले कि एगो महिला बिना कपड़ा के पेड़ पs बईठ के हाथ हिलावत बिया। ई देख के सब लोग ओहिजा से भागे लागल। एकरा बाद हमनी के ओह पोखरा के ओर जाए के हिम्मत कबो ना जुटा पवनी सs। पोखरा के भुला जा, दुपहरिया के बाद एह सड़क से भी जाए के हिम्मत केहू ना जुटा सके। गाँव में कई गो कहानी प्रचलित बा

गाँव के लोग भी एगो अउरी कहानी सुनावेला। लोग कहेला कि एक बेर एगो किसान अपना सड़क के किनारे खेत में हल जोतत रहे। एही बीच अचानक पोखरा के लगे के पेड़ से आवाज आइल आ किसान के अचानक मौत हो गइल। एही समय एगो अउरी आदमी भी सड़क से गुजरत रहे। फेरु उहो अचानक मर गइल। गाँव के लोग इहो बतावेला कि पहिले एह गाँव में पहलवान रहे। रोज लोग के चुनौती देत रहले, बाकी एक दिन उनका भी ओही पोखरा से गुजरे के पड़ल। जइसहीं ऊ ओह पोखरा के लगे पहुँचल ऊ बेमार पड़ गइले । लमहर इलाज के बाद ऊ ठीक हो गइले।

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