गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में बरखा करावे खातिर कइल गइल हवन, गायत्री जयंतीयो मनावल गइल
गाजियाबाद में लोग भीषण गर्मी से परेशान बा। एही के लेके सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सोमार के गायत्री जयंती मनावल गइल। साथही वर्षा के कामना से मंदिर में हवन के आयोजनो भइल जवना में बड़ संख्या में भक्त लो आहुति दिहल।गायत्री जयंती पs मंदिर में बड़ संख्या में श्रद्धालु माई गायत्री के पूजा-अर्चना कइले आ गायत्री मंत्र के पाठ कइले।
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरी कहले कि गायत्री जयंती के दिने वेदन के माता गायत्री के प्राकट्य भइल रहे। गायत्री मंत्र के अधिष्ठात्री मां गायत्री हई। गायत्री मंत्र दुनिया के सबसे शक्तिशाली मानल जाला।
एह मंत्र के जाप करे से गायत्री माता के साथे भगवान विष्णु, भगवान शंकर आ ब्रहमा जी के कृपा प्राप्त होला, जवना से हर प्रकार के मनोकामना पूर्ण होला। मंदिर में सोमार के वर्षा के कामना से हवन के आयोजनो कइल गइल। हवन मुख्य आचार्य नित्यानंद, आचार्य रोहत त्रिपाठी आचार्य विकास पांडे आ आचार्य अतुल शर्मा महंत नारायण गिरी के सानिध्य में करवले।
जगत के पालनहार भगवान विष्णु, भगवान शिव, इंद्रदेव के आराधना आ नाम जाप के साथे बरखा के कामना से हवन में आहुति दिहल गइल। श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के विधार्थीयो हवन में आहुति देले। महंत नारायण गिरी कहले कि आज जवन भीषण गर्मी पड़ रहल बा आ खाली मनुष्य ना आउर जीव-जंतुयो गर्मी से बेहाल बाड़े आ बरखो नइखे होत तऽ ओकर कारण मनुष्य के स्वार्थी होखल बा।
मनुष्य अपना स्वार्थ में आन्हर होके प्रकृति के साथे जवन खेलवाड़ कर रहल बा, ओकरे दंड आज भुगते के पड़ऽता। एकरा से मनुष्य के सीख लेवे के चाहीं आ पेड़-पौधन के काटे के बजाय अधिक से अधिक पौधा लगावे के चाहीं साथही ओकर देखभाल करे के चाहीं। पानी बर्बाद करे के बजाय ओकर सदुपयोग करे के चाहीं। एकरा से भगवान खुश होइहें तऽ बरखो समय से होई आ अतना अधिक गर्मीयो ना होई।