कबो होटल में रहले वेटर, अब IAS बन देवेले ऑर्डर, पढ़ी 'गणेश' के 'जय' मिले के कहानी
तमिलनाडु के निवासी प्रतिकूल परिस्थिति के बावजूद जयगणेश सिविल सेवा परीक्षा में दृढ़ संकल्प के संगे सफल भइले। सफलता पावे में उनका 7 गो कोशिश करे के पड़ल।
आईएएस सफलता के कहानी : उनकर आईएएस बने के सपना रहे आ उनकर दृढ़ संकल्प चट्टान नियन मजबूत रहे। अपना मंजिल के हासिल करे खातिर घर से निकल गइले। पहिले ऊ सिनेमा हॉल में काम कइलन आ बाद में होटल के वेटर बन गइलन, फेर पढ़ाई खातिर भी समय निकालत रहले। एतना मेहनत के बावजूद ऊ यूपीएससी में एक-दू बेर ना, छव बेर फेल हो गइले आ सातवां प्रयास में उनकर सपना सफलता के स्वाद लेलख। ई एगो अइसन आदमी के कहानी हs जे अपना नाम पर खरा उतरल। हालात उनका के भयंकर परीक्षा दिहलस, तबो तमिलनाडु के ई ‘गणेश’ ‘विजय’ हासिल कइलस।
सिनेमा हॉल से लेके वेटर के नौकरी तक
जयगनेश के शहर में रहे के खर्चा मुश्किल होत रहे, एहसे ऊ रोज 8 घंटा सिनेमा हॉल में काम करत रहले। हालांकि एकरा चलते उनकर तैयारी में बाधा आइल आ ऊ फेर से परीक्षा में फेल हो गइले। वेटर के काम समेत कई तरह के नौकरी बदल गइले। एह दौरान उनका पढ़ाई खातिर कुछ समय मिलल।
7वां प्रयास में सब कुछ मिल गइल
जयगणेश कई बेर सिविल सेवा परीक्षा के तैयारी कs के हाजिर भइले, बाकी ऊ हर बेर फेल हो गइले। ऊ 6 बेर परीक्षा देले आ हर बेर फेल हो गइले, बाकी ऊ हार ना मनले। अबहीं तइयारी में बाड़न आ उमेद बा कि अगिला बेर परीक्षा पास हो जइहें। सिविल सेवा परीक्षा में लगातार फेल होखला के बावजूद जयगणेश हार ना मनले। छठवाँ बेर असफल भइला के बादो ऊ फेर से तइयारी करे लगलन आ आखिर में अपना दृढ़ संकल्प आ समर्पण से सफलता हासिल कइलन। ऊ परीक्षा के तैयारी करत रहले आ अपना कमी पs जतना हो सके ओतना काम करत रहले। जय 7वीं बेर पूरा तइयारी के परीक्षा देले आ अबकी बेर 156 रैंक हासिल कs लेले।
जयगणेश तमिलनाडु के हउवें आ वेल्लोर के थांठाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक के डिग्री हासिल कइले बाड़न। चारो भाई-बहिन में सबसे बड़ होखला के चलते पारिवारिक जिम्मेदारी के बोझ भी उठावे के पड़ल। तीन बेर असफल प्रयास के बाद जयगणेश गांव से बाहर चल गइले आ सिविल सेवा परीक्षा के तैयारी में सुधार खातीर चेन्नई के एगो सरकारी संस्थान में दाखिला ले लेले।