ईवीएम(EVM) से चुनाव आयोग के कतना खर्चा आवेला? वीवीपीएटी (VVPAT )के कीमत केतना बा? इहाँ जान लीं
पछिला जनवरी में चुनाव आयोग कहले रहे कि जदी लोकसभा आ राज्य विधानसभा खातीर एक संगे चुनाव होखता तS आयोग के नाया ईवीएम खरीदे खातीर हर 15 साल में 10 हजार करोड़ रुपया के जरूरत पड़ी।
जदी देश में लोकसभा आ विधानसभा के चुनाव एक संगे होखे तs हर 15 साल प 10,000 करोड़ रुपया इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम पs खर्च होई। दरअसल, पछिला जनवरी में चुनाव आयोग कहले रहे कि जदी लोकसभा आ राज्य विधानसभा खातीर एक संगे चुनाव होखता तs आयोग के नाया ईवीएम खरीदे खातीर हर पंद्रह साल में 10,000 करोड़ रुपया के जरूरत पड़ी।
आयोग बतवले रहे कि ईवीएम के शेल्फ लाइफ मात्र 15 साल के बा। जदी एक संगे चुनाव होखे तs एक सेट मशीन के इस्तेमाल से तीन बेर चुनाव करावल जा सकता, बाकी लोकसभा अवुरी विधानसभा खातीर अलग-अलग मशीन के इस्तेमाल कइल जाई। मतदान के दिने खराब मशीन बदले खातिर कंट्रोल यूनिट (CU), बैलेट यूनिट (BU) आ वोटर वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) मशीन के रिजर्व में राखे के पड़ी ।
एक राष्ट्र एक चुनाव करावे खातिर 36 लाख 62 हजार 600 वीवीपीएटी के जरूरत बा ।
फरवरी 2023 में चुनाव आयोग कहले रहे कि एक संगे चुनाव करावे खातीर कम से कम 46 लाख 75 हजार 100 बैलेट यूनिट, 33 लाख 63 हजार 300 कंट्रोल यूनिट आ 36 लाख 62 हजार 600 वीवीपीएटी के जरूरत होई।
एक ईवीएम के अस्थायी लागत करीब 34 हजार रुपया बा
चुनाव आयोग के मुताबिक 2023 के शुरुआत में एक ईवीएम के अस्थायी लागत लगभग 34 हजार रुपया रहे। एहमें 7900 रुपिया प्रति बैलेट यूनिट, 9800 रुपिया प्रति कंट्रोल यूनिट आ 16 हजार रुपिया प्रति वीवीपीएटी शामिल रहे ।