टेक्नोलॉजी
खेल | कब्बड्डीक्रिकेटफुटबॉलबैडमिंटनहॉकी
मनोरंजन | सीरियलसिनेमासंगीतशार्ट स्टोरीजवेब सीरीजवीडियोडॉक्यूमेंट्री
राजनीतिविविध
व्यापार | अर्थव्यवस्थाउधारडिजिटल मुद्रानिवेशपूंजीरियल एस्टेटशेयर बाजार
शासन-प्रशासन | अपराधकानूनदुर्घटनासामाजिक योजना
शिक्षा
लाइफस्टाइल | आयुर्वेदखानपानसेहतव्यायामरोग एवं उपचारयोगब्यूटी टिप्सघरेलू उपचार
फोटो स्टोरीपर्यटन स्थल
धरम-करम | राशिफलमान्यतात्यौहारतीर्थ स्थलअंधविश्वास
देस-बिदेस
साहित्य | उपन्यासकविताकहानी
स्पेशल स्टोरीबड़ी खबरें
Advertisement

राजस्थान में लिव-इन रिलेशनशिप में रहेनी तs करावे के होई रजिस्ट्रेशन, जानीं हाईकोर्ट के नया आदेस

12:08 PM Jan 30, 2025 IST | Anurag Ranjan
Advertisement

जयपुर : जदि रउआ लिव-इन रिलेशनशिप में रहत बानी तs ई खबर रउआ काम के बा। राजस्थान हाई कोर्ट राज्य सरकार के लिव-इन रिलेशनशिप रजिस्टर करे खातिर एगो पोर्टल बनावे के आदेस देले बा। जस्टिस अनूप कुमार ढंड लिव-इन जोड़न के सुरक्षा खातिर ई डेग उठवले बाड़ें। कोर्ट के मानल बा कि जब ले लिव-इन संबंधन पs कवनो कानून नइखे बनत, तब तक एह जोड़न के कवनो अथॉरिटी भा ट्रिब्यूनल के लगे रजिस्ट्रेशन करवावे के चाहीं। एकरा से ओह लोगन के सामाजिक आ पारिवारिक दबाव से सुरक्षा मिल सकी।

Advertisement

लिव-इन में रह रहल कपल केसुरक्षा जरुरी- कोर्ट

लिव-इन में रहे वालन कइयन गो जोड़ा हाई कोर्ट में सुरक्षा के गुहार लगवले रहे। ओह लोगन के परिवार आ समाज से खतरा रहे। एह वजह से कोर्ट के दरवाजा खटखटावे के पड़ल। कोर्ट ओह लोगन के याचिका पs सुनवाई करत राज्य सरकार के ई निरदेस देलस। कोर्ट कहलस कि कइयन गो जोड़ा लिव-इन में रह रहल बा, बाकिर समाज में एकरा के मान्यता ना मिलला के कारण ओह लोगन के कइयन तरे के परेसानियन के सामना करे के पड़त बा। एहिसे ओह लोगन के सुरक्षा जरूरी बा।

महिला लोगन के पत्नी जइसन दर्जा ना मिलेला

कोर्ट मनलस कि लिव-इन के विचार भलही आकर्षक लागे, बाकिर एकरा से जुड़ल कइयन गो समस्या आ चुनौतियो बा। कोर्ट कहलस, 'रिश्ता में रहे के विचार अनोखा आ आकर्षक लाग सकत बा, बाकिर वास्तव में एकरा से उत्पन्न होखे वाला कदयन गो समस्या बा, संगही चुनौतियो बा।' कोर्ट आगे कहलस कि लिव-इन में रहे वाली महिला के पत्नी जइसन दर्जा ना मिलेला। 'अइसन रिश्तन में महिला के इस्थिति पत्नी जइसन ना होला आ ओकरा के सामाजिक स्वीकृति भा पवित्रता के अभाव होत बा।'

सरकार के दिहल समिति बनावे के निरदेस

कोर्ट राज्य सरकार के हर जिला में एगो समिति बनावे के निरदेस देले बा। ई समिति लिव-इन जोड़न के रजिस्ट्रेशन आ उनकर शिकायतन के निवारण करी। एकरा संगही, कोर्ट लिव-इन संबंधन के रजिस्ट्रेशन खातिर वेबसाइट भा वेब पोर्टल बनावे के कहल गइल बा। 'राज्य के प्रत्येक जिला में अइसन लिव-इन संबंधन के पंजीकरण के ममिला के देखे बा। एगो समिति गठित कइल जाव। अइसन जोड़न के शिकायतन पs ध्यान दी आ उनकर निवारण करी। एह संबंध में एगो वेबसाइट भा वेबपोर्टल सुरू कइल जाव ताकि एह तरे के संबंधन के कारण सामने आवे वाला दिक्कतन के समाधान कइल जा सके।' एकरा से लिव-इन संबंधन से जुड़ल समस्यन के समाधान आसान होई आ जोड़न के सुरक्षा मिली।

Read Also: Maha Kumbh Stampede: डीजीपी आ चीफ सेक्रेटरी प्रयागराज रवाना, महाकुंभ मेला क्षेत्र के ली लो जायजा

Tags :
a live-in relationship registration in RajasthanBhojpuri NewsHigh courtlive-in relationshipRajasthanRajasthan News
Advertisement
Next Article