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आयकर विभाग एह सरकारी बैंक प ₹ 564 करोड़ के जुर्माना लगा दिहलस, जानीं का बात बा

11:12 AM Mar 29, 2024 IST | Raj Nandani
आयकर विभाग एह सरकारी बैंक प ₹ 564 करोड़ के जुर्माना लगा दिहलस  जानीं का बात बा
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बैंक जवाब दिहलस कि ओकरा लगे पर्याप्त तथ्यात्मक आ कानूनी आधार बा जवना से ऊ एह मामिला में आपन रुख सही ठहरा सके । बैंक कहलस कि एहसे उम्मीद बा कि पूरा जुर्माना के मांग कम हो जाई।

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आयकर विभाग सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया प 564.44 करोड़ रुपया के जुर्माना लगवले बा। बैंक गुरुवार के कहलस कि, उ ए आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय फेसलेस अपील केंद्र के आयकर आयुक्त के सोझा अपील करे के प्रक्रिया में बा। भाषा समाचार के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया शेयर बाजार के दिहल जानकारी में कहलस कि ओकरा आयकर कानून, 1961 के धारा 270ए के तहत आयकर विभाग, आकलन इकाई से आकलन वर्ष 2018-19 से जुड़ल आदेश मिलल बा।

 बैंक के उमेद बा कि पूरा जुर्माना के मांग कम हो जाई

रिपोर्ट के मुताबिक, अपीलीय अधिकारी के पसंद/आदेश प विचार करत बैंक अपना जवाब में कहलस कि ओकरा लगे ए मामला में आपन स्थिति के जायज ठहरावे खाती पर्याप्त तथ्यात्मक आ कानूनी आधार बा। बैंक कहलस कि एहसे उम्मीद बा कि पूरा जुर्माना के मांग कम हो जाई। अइसन में बैंक के वित्तीय, परिचालन चाहे आ गतिविधि प कवनो असर ना पड़ी। बैंक ऑफ इंडिया के शेयर बीएसई पर 137 रुपिया प बंद भइल जवन पिछला बंद का मुकाबले 3.79 फीसदी अधिका बा ।

एह बैंकन प भी जुर्माना लगावल गइल

एगो रिपोर्ट के मुताबिक, एकरा से पहिले बैंक ऑफ इंडिया प ब्याज दर, ग्राहक सेवा आ क्रेडिट सूचना कंपनी नियम, 2006 के प्रावधान के बारे में आरबीआई के निर्देश के उल्लंघन के चलते 1.4 करोड़ रुपया के जुर्माना लगावल गइल रहे। हालही में बंधन बैंक आ इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड पर भी जुर्माना लगावल गइल बा।

कुछ निर्देश के पालन ना कईला प बंधन बैंक प 29.55 लाख रुपया के जुर्माना लगावल गईल। इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड के 'एनबीएफसी (रिजर्व बैंक) गाइडलाइन, 2016 में धोखाधड़ी के निगरानी' के संगे-संगे केवाइसी के प्रावधान के पालन ना कइला प 13.60 लाख रुपया के जुर्माना लगावल गइल ।

बैंक के वित्तीय स्थिति के आकलन करे खातीर आरबीआई के ओर से कइल गइल वैधानिक निरीक्षण के बाद इ जुर्माना लगावल गइल। ई समझल जरूरी बा कि ई दंड नियम अनुपालन के मामिला से संबंधित बा आ कवनो ग्राहक लेनदेन भा समझौता के वैधता प संदेह ना पैदा करेला ।

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