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ISRO: इसरो प्रमुख बतवलें कब लॉन्च कइल जाई गगनयान मिशन, चांद पs 350 किलो के रोवर भेजे के बा योजना

11:57 AM Oct 27, 2024 IST | khabar Bhojpuri Desk
isro  इसरो प्रमुख बतवलें कब लॉन्च कइल जाई गगनयान मिशन  चांद पs 350 किलो के रोवर भेजे के बा योजना
इसरो चीफ एस सोमनाथ - फोटो : पीटीआई
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इसरो प्रमुख एस सोमनाथ आवे वाला अंतरिक्ष मिशनन के तारीखन के खुलासा कइले बाड़ें। एस सोमनाथ के अनुसार, इसरो साल 2026 में गगनयान मिशन लॉन्च करे के योजना बना रहल बा। ओहिजा चंद्रयान मिशन साल 2028 में लॉन्च कइल जा सकत बा। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ सनीचर के आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) के सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर कार्यक्रम में सामिल भइल।

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चंद्रयान-5 मिशन के जापान के संगे मिलके बनाई इसरो

एस सोमनाथ कार्यक्रम के दौरान कहलें कि मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान 2026 में लॉन्च होखे के संभावना बा। संगही चांद से सैंपल लेके आवे वाला मिशन चंद्रयान-4 के साल 2028 में लॉन्च कइल जाई। ओहिजा भारत आ अमेरिका के संयुक्त अभियान NISAR के साल 2025 में लॉन्च करे के योजना गा। इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-5 मिशन जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के संगे मिलके पूरा कइल जाई। हालांकि अभी एमे समय बा आ एह साल 2028 के बाद लॉन्च होखे के उम्मेद बा।

चंद्रयान-5 में भेजल जाई 350 किलो के रोवर

इसरो प्रमुख बतवलें कि चंद्रयान-5 मिशन इंसानन के चांद पs भेजे के लिहाज से बहुते अहम होई। चंद्रयान-5 मिशन के तहत जवन रोवर भेजल जाई, ऊ करीब 350 किलो के होई। एकरा पहिले चंद्रयान-3 मिशन में जवन रोवर भेजल गइला रहे, ऊ खाली 27 किलो के रहे। चंद्रयान-5 मिशन के लैंडर इसरो बनई, ओहिजा रोवर, जवन 350 किलो के होई, उ जापान के ओर से बनावल जाई।

2040 तक चांद पs मानव मिशन भेजे के योजना

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के योजना साल 2040 तक चांद पs इंसानी मिशन भेजे के बा। आकाशवाणी में भइल कार्यक्रम के दौरान इसरो प्रमुख एस सोमनाथ कहलें कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के विस्तार देवे के जरूरत बा आ अभी वैश्विक स्तर पs अंतरिक्ष क्षेत्र में इसरो के जोगदान खाली दु प्रतिशत बा आ एह दशक में एकरा के बढ़ाके कम से कम 10 प्रतिशत करे के लक्ष्य बा। एह बढ़न्ती खातिर निजी क्षेत्र के भागीदारी, उद्यमिता के सक्षम बनावे वाली नया नीतियन के जरूरत बा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसरो प्रमुख कहलें बाड़ें कि, 'कइयन बड़ आ छोट उद्योग अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करे में रुचि देखवले बा आ बहुत चीज जवन पारंपरिक रूप से इसरो के ओर से कइल जा सकत बा, अब निजी उद्योग के ओर से कइल जा रहल बा।'

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