For the best experience, open
https://m.khabarbhojpuri.com
on your mobile browser.
Advertisement

Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या कब बा? ओह दिन 1 ना 5 व्रत आ त्यौहार होई, शनिदेव भी पुरखा लोग के संगे खुश होइहे, तारीख आ समय जानीं

08:23 AM May 29, 2024 IST | Raj Nandani
jyeshtha amavasya 2024  ज्येष्ठ अमावस्या कब बा   ओह दिन 1 ना 5 व्रत आ त्यौहार होई  शनिदेव भी पुरखा लोग के संगे खुश होइहे  तारीख आ समय जानीं
Advertisement

ज्येष्ठ अमावस्या 2024 के तारीख कब बा : ज्येष्ठ अमावस्या के दिन बहुत शुभ मानल जाला काहे कि एकर संबंध शनि देव, पूर्वज के पूजा, स्नान आ दान आ देवी सावित्री से होला। तिरुपति के ज्योतिषी डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानि ज्येष्ठ अमावस्या कब हs? ज्येष्ठ अमावस्या के दिन कवन-कवन व्रत आ परब होला? ज्येष्ठ अमावस्या के शुभ समय का होला?

Advertisement

ज्येष्ठ महीना के कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि के ज्येष्ठ अमावस्या के नाम से जानल जाला। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन बहुत शुभ मानल जाला काहे कि एकर संबंध शनि देव, पूर्वज के पूजा, स्नान आ दान आ देवी सावित्री से होला। अबकी बेर ज्येष्ठ अमावस्या पर भी शिववास के आयोजन होई जवन रुद्राभिषेक खातिर महत्वपूर्ण बा। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करके आ फेर दान करके पुण्य के प्राप्ति होला। पुरखा लोग खातिर कइल दान फायदेमंद होला। तिरुपति के ज्योतिषी डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानि ज्येष्ठ अमावस्या कब हs? ज्येष्ठ अमावस्या के दिन कवन-कवन व्रत आ परब होला? ज्येष्ठ अमावस्या के शुभ समय का होई?

कब बा ज्येष्ठ अमावस्या 2024?

हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक ज्येष्ठ अमावस्या के तारीख 5 जून गुरुवार के 07:54 बजे से शुरू होई आ 6 जून के 06:07 बजे खतम होई। उदियातिथी के मुताबिक ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून के होई।

ज्येष्ठ अमावस्या 2024 स्नान-दान मुहूर्ता

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:02 बजे से 04:42 बजे तक होला। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आ दान कइल सबसे बढ़िया मानल जाला। एकरा अलावा रउआ सूर्योदय के बाद यानी 05:23 AM के बाद भी कर सकेनी।

ज्येष्ठ अमावस्या पर 5 व्रत आ त्यौहार

1. शनि जयंती 

सूर्य के बेटा शनि देव के जनम ज्येष्ठ अमावस्या तिथि के भइल रहे। एही कारण से ज्येष्ठ अमावस्या के दिने शनि जयंती मनावल जाला। एह दिन लोग शनि महाराज के पूजा करेला आ उनकर मनपसंद चीज चढ़ावेला। ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि देव के खुश कर के रउवा आपन मनचाहा मनोकामना पा सकत बानी।

2. वट सावित्री व्रत 

अखंड सौभाग्य प्रदान करे वाला वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनावल जाला। एह दिन बियाहल मेहरारू अपना पति के लमहर उमिर ले व्रत राखेली । वट वृक्ष यानी बनियान के पेड़, सत्यवान आ देवी सावित्री के पूजा होला।

3. ज्येष्ठ अमावस्या

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन सबेरे नहा के दान करे के चाहीं। एकरा बाद उ लोग अपना पुरखा लोग खातिर तर्पण, पिंड दान, श्राद्ध, पंचबली कर्म आदि करेला। एही से पूर्वज खुश होके आशीर्वाद देवेले। पितृ दोष से आजादी मिलेला।

4. रोहिणी के व्रत होखे के चाहीं

अबकी बेर ज्येष्ठ अमावस्या के दिन रोहिणी के व्रत बा। जैन धर्म से संबंधित महिला व्रत रखेली आ भगवान वासुपूज्य के पूजा करेली। इ व्रत 3, 5 या 7 साल तक रखे के पड़ेला। ओकरा बाद ही उद्यापन हो जाला। मेहरारू लोग अपना पति के सुस्वास्थ्य आ दीर्घायु खातिर एह व्रत के पालन करेली।

5. गुरुवार के उपवास होखे के चाहीं

ज्येष्ठ अमावस्या गुरुवार के बा। ओह दिन गुरुवार के व्रत भी होला। व्रत रख के ऊ लोग भगवान विष्णु आ देवी लक्ष्मी के पूजा करेला। जेकर बृहस्पति ग्रह खराब बा ओकरा देव गुरु बृहस्पति के भी पूजा करे के चाहीं। गुरुवार के केला के पौधा के भी पूजा कइल जाला।

Tags :
Advertisement