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Kargil Vijay diwas ; कारगिल गर्ल' गुंजन सक्सेना : भारत के पहिला महिला पायलट, जे युद्ध क्षेत्र में जाके पाकिस्तान के हालत खराब कर देली

09:02 AM Jul 23, 2024 IST | Raj Nandani
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भारत 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के बुरा तरीका से हरा देले रहे। एह युद्ध के आपन कई गो रिकार्ड बा, बहादुरी के कई गो कहानी बा, जवना में से एगो कहानी बा 'कारगिल गर्ल', गुंजन सक्सेना के। गुंजन सक्सेना पहिला भारतीय महिला पायलट रहली जे युद्ध क्षेत्र में गइल रहली अउरी वायुसेना के बचाव मिशन के हिस्सा बन गइली।

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गुंजन के जीवन पs आधारित जान्हवी कपूर के फिल्म 'कारगिल गर्ल' भी बा आ एकरा संगे गुंजन सक्सेना के बहादुरी के कहानी बहुत लोग के सोझा आइल ,जवन कि एकरा से अनजान रहले।

1999 में दू गो भारतीय मिशन, जवना के वजह से भारत ई युद्ध जीतल रहे, ऑपरेशन विजय आ ऑपरेशन सफेद सागर रहे। एह दुनो मिशन में भारतीय वायुसेना सेना के कुशलता से सहायता कइलस । वायुसेना के महिला पायलट के युद्ध क्षेत्र में भेजे के फैसला भी एगो अलग रिकॉर्ड बनवले रहे।

जमीन पs पाकिस्तानी सेना से लड़त भारतीय सेना के बचाव आ जरूरी सामान खातीर वायुसेना के मदद के जरूरत रहे। एह चुनौती खातिर वायुसेना में महिला पायलटन के एगो बैच तइयार कइल जात रहे। एकरा से पहिले महिला पायलट के एह तरह के कवनो युद्ध में ना भेजल गइल रहे, बाकी आखिरकार मौका पs ई तय भइल कि महिला पायलट भी ए मिशन के हिस्सा होईहे। ई जिम्मेदारी गुंजन के सौंपल गइल आ साथ ही उनका संगे श्रीविद्या रंजन के।

भारत 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के बुरा तरीका से हरा देले रहे। एह युद्ध के आपन कई गो रिकार्ड बा, बहादुरी के कई गो कहानी बा, जवना में से एगो कहानी बा 'कारगिल गर्ल', गुंजन सक्सेना के। गुंजन सक्सेना पहिलका भारतीय महिला पायलट रहली जे युद्ध क्षेत्र में गइल रहली आ वायुसेना के बचाव मिशन के हिस्सा बन गइली।

गुंजन के कान्ह पर एगो बड़ चुनौती रहे। उनका अपना जेट में घायल आ शहीद जवानन के वापस ले आवे के पड़ल आ लड़ रहल फौजियन खातिर जरूरी सामान छोड़े के पड़ल। काम मुश्किल रहे काहे कि हवा में पाकिस्तानी लड़ाकू विमान दिखत रहे, जवन कबो कवनो मौका ना जाए देत रहन सs।

कुछ दिन के प्रशिक्षण के बाद गुंजन के युद्ध क्षेत्र जाए खातिर तैयार होखे के पड़ल। फ्लाइट ऑफिसर गुंजन सक्सेना के द्रास आ बटालिक जइसन खतरनाक इलाका में सामान पहुंचावे के पड़ल । एही बीच ऊ घायल जवान के भी सुरक्षित रूप से सेना अड्डा पs पहुंचा देली। ऊ अपना सीनियर लोग के दुश्मन सेना के स्थिति आ ठिकाना के बारे में भी बतावत रहली, जवना से बहुत मदद मिलल।

गुंजन के संगे हमेशा एगो लोडेड असॉल्ट राइफल आ रिवाल्वर रहे ताकि ऊ कवनो कठिन परिस्थिति में लड़ सके। ई स्थिति एगो नया पायलट खातिर काफी डरावना हो सकत रहे जवन कवनो युद्ध के हिस्सा ना रहे बाकी गुंजन पूरा बहादुरी से एह मिशन के पूरा कइली।

ए दौरान गुंजन के संगे एगो दुर्घटना भी भइल, जवना में पाकिस्तानी सेना गुंजन के हेलीकाप्टर 'चीता' पs मिसाइल चला देलस। जवन गनीमत रहल कि निशाना से चूक के पास के पहाड़ी से टकरा गइल। ई घटना ई देखावे खातीर काफी रहे कि गुंजन एगो सच्चा सिपाही नियन देश खातीर सबकुछ बलिदान देवे खातीर तैयार रही।

एह मिशन के दौरान अदम्य हिम्मत देखावे खातिर गुंजन सक्सेना के भारतीय सेना के ओर से शौर्य चक्र से सम्मानित कइल गइल। गुंजन सक्सेना के कहानी एह समाज आ लड़िकियन खातिर हमेशा प्रेरणा के काम करी ।

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