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कर्नाटक सरकार मुसलमानन के ओबीसी लिस्ट में कइलस शामिल, कहां-कहां अब मिली फायदा

10:29 AM Apr 27, 2024 IST | Sonu Kishor
कर्नाटक सरकार मुसलमानन के ओबीसी लिस्ट में कइलस शामिल  कहां कहां अब मिली फायदा
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कर्नाटक सरकार आरक्षण का लाभ देवे खातिर मुसलमानन के पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कइले बा। एह मामला के जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग प्रेस रिलीज जारी कर के देलस। एनसीबीसी बुधवार (24 अप्रैल) के कर्नाटक सरकार के आंकड़न के हवाला देत घरी पुष्टि कइलस।

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न्यूज एजेंसी एएनआई के मोताबिक, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग कहलस कि कर्नाटक सरकार के आंकड़न के अनुसार, कर्नाटक के मुसलमानन ले सब जातियन आ समुदाय के राज्य सरकार के तहत रोजगार आ शैक्षणिक संस्थानन में आरक्षण खातिर ओबीसी के सूची में शामिल कइल गइल बा। श्रेणी II-बी के तहत, कर्नाटक राज्य के सब मुसलमानन के ओबीसी मानल गइल बा। आयोग कहलस कि श्रेणी-1 में 17 मुस्लिम समुदाय के ओबीसी मानल गइल बा जबकि श्रेणी-2ए में 19 मुस्लिम समुदाय के ओबीसी मानल गइल बा।

एनसीबीसी प्रेस रिलीज में का कइलस ? 

एनसीबीसी के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर के मोताबिक, "कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियन आ शिक्षण संस्थानन में प्रवेश में आरक्षण खातिर कर्नाटक के सब मुस्लिम धर्मावलंबियन के ओबीसी के राज्य सूची में शामिल कइल गइल गया बा। कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के लिखित रूप से अवगत करवले बा कि मुस्लिम आ ईसाई जइसन समुदाय ना तऽ जाति हऽ आ ना धर्म। कर्नाटक राज्य में मुस्लिम आबादी 12.92 प्रतिशत बा। कर्नाटक में मुस्लिम के धार्मिक अल्पसंख्यक मानल जाला। साल 2011 की जनगणना के मोताबिक, कर्नाटक राज्य में मुस्लिम के जनसंख्या 12.32 प्रतिशत बा।"

ई मुस्लिम समुदाय के कैटगरी-1 में ओबीसी मानल गइल

जवना 17 मुस्लिम समुदाय के श्रेणी 1 में ओबीसी मानल गइल ओमें नदाफ, पिंजर, दरवेश, छप्परबंद, कसाब, फुलमाली (मुस्लिम), नालबंद, कसाई, अथारी, शिक्कालिगारा, सिक्कालिगर, सालाबंद, लदाफ, थिकानगर, बाजीगारा, जोहारी आ पिंजारी शामिल बा।

एनसीबीसी कइलस सरकार के आलोचना

उहे, इंडिया टुडे के रिपोर्ट के मोताबिक, एनसीबीसी आरक्षण उद्देश्यन खातिर मुस्लिम समुदाय के पीछड़ा जाति के रूप में वर्गीकृत करे के कांग्रेस सरकार के फैसला के आलोचना करत कहलस हऽ कि ई "सामाजिक न्याय के सिद्धांत" के कमजोर देले बा। आयोग कहलस कि ए कदम से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारन के हानि भइल बा।

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