Varanasi : युवा महाकुंभ के अनुमति निरस्त, काशी विद्यापीठ के सब गेट बंद; पुलिस छावनी में तब्दील भइल पूरा कैंपस
काशी विद्यापीठ में होखे वाला युवा महाकुंभ के अनुमति विश्वविद्यालय प्रशासन रद्द कs दिहले बा। विश्वविद्यालय प्रशासन सगरी गेट पs ताला लगा दिहले बा आ आईडी चेक कइला के बाद ही प्रवेश दिहल जा रहल बा। अयीसना में खिसियाइल छात्र नेता गांधी अध्ययन पीठ के सोझा बईठ गईले।
बियफ़ें के सबेरे 6 बजे काशी विद्यापीठ के गेट पs ताला लागल रहे। आयोजन के तइयारी करे पहुंचल छात्र नेता लोग के बतावल गइल कि युवा महाकुंभ के अनुमति रद्द कs दिहल गइल बा। जवना के बाद खिसियाइल छात्र नेता गांधी अध्ययन पीठ के सामने बईठ गईले। विद्यार्थी लोग कहल कि खाली जमीन पs बइठ के युवा महाकुंभ करब।
मुख्य प्रॉक्टर प्रो अमिता सिंह के कहनाम बा कि चारो लोग कार्यक्रम के अन्हार में रख के अनुमति लेले रहले। विश्वविद्यालय में कवनो राजनीतिक कार्यक्रम के अनुमति नइखे। विद्यार्थियन के व्यवहार उचित नइखे। सुरक्षा कारण से कैंपस में बल तैनात बा। जिला प्रशासन के पूरा मामिला के जानकारी दिहल गईल बा।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में होखे वाला युवा महोत्सव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, बिहार के पूर्व उप सीएम तेजस्वी यादव अवुरी विधायक ओमप्रकाश सिंह के नाम के लेके झगड़ा मच गईल। विश्वविद्यालय प्रशासन एह आयोजन के राजनीतिक आयोजन बतावत एह आयोजन के अनुमति रद्द कs दिहलस। जवना के चलते छात्र नाराज बाड़े।
बुध के दिने भी एनएसयूआई आ समाजवादी युवाजन सभा के छात्र नेता गांधी अध्ययन पीठ के बुकिंग रद्द होखे के जानकारी पs कुलपति प्रो. एके त्यागी के घेर लिहल गइल। छात्र नेता लोग के कहनाम बा कि पहिले अनुमति दिहल गईल रहे, लेकिन बाद में एकरा के रद्द कs दिहल गईल। विश्वविद्यालय प्रशासन के कहनाम बा कि छात्र युवा महोत्सव के नाम पs गांधी अध्ययन पीठ बुक कईले बाड़े। सोशल मीडिया के माध्यम से सोझा आईल कि इs एगो राजनीतिक कार्यक्रम हs। एहसे अनुमति ना दिहल गइल।
छात्र एs आश्वासन पs सहमत हो गईले।
हंगामा के जानकारी मिलला पs भारी संख्या में छात्र अवुरी छात्र नेता पहुंचले। छात्र नारा लगा के कुलपति प्रो. एके त्यागी के गांधी अध्ययन पीठ में रोकले रखले।अंत में छात्र लिखित आश्वासन देले कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत कवनो राजनीतिक व्यक्ति एs आयोजन में भाग ना लीहे। एकरा बाद एह आयोजन के आयोजन के अनुमति मिल गइल। कुलपति के आश्वासन के बाद छात्रन के घेराबंदी खतम हो गईल। लेकिन,बियफ़ें के ताला ना खुलल। जवना के चलते छात्र नेता खिसिया गईले।