चैत्र नवरात्रि स्पेशल: आजु जानीं देवी तरकुलहा माता मंदिर के बारे में!
आजु खबर भोजपुरी नवरात्रि स्पेशल में चैत्र नवरात्रि के दूसरा दिने देवी तरकुलहा माता मंदिर के बारे मे जानीं.चैत्र नवरात्रि के दुसरका दिने तरकुलहा माता मंदिर में श्रद्धालु के भारी भीड़ जुटेला। कहल जाला कि माई भगवती के दरबार में जवन मनसा होला ऊ पूरा हो जाला। चैत्र नवरात्रि पर एह मंदिर में पूजा के खास महत्व बा। इहे कारण बा कि चैत्र नवरात्रि के हर दिन इहाँ भक्तन के भीड़ देखे के मिलेला। अमर शहीद बंधु सिंह जंगल आ तरकुल के पेड़ से ढंकल इलाका में पिंडी बना के पूजा करत रहले।
माँ तरकुलहा देवी मंदिर स्वतंत्रता संग्राम के साक्षी बा। ओह घरी ओहिजा जंगल रहे, एही से स्वतंत्रता सेनानी लोग खातिर लुकाए खातिर सबसे उपयुक्त जगह रहे। देशभक्त लोग एहिजा माई भगवती के पूजा करत रहे आ अपना अभियान पs निकलत रहे। इहाँ चैत्र राम नवमी से एक महीना के मेला के आयोजन होला। एह स्थल पर मुंडन, पवित्र धागा आ अउरी संस्कार भी होला।
इतिहास
मंदिर के कहानी चौरीचौरा तहसील क्षेत्र के डुमरी रियासत के बाबू बंधु सिंह से जुड़ल बा। बाबू बंधु सिंह अंग्रेजन के सिर काट के माई के चढ़ावत रहले। एकरा चलते अंग्रेज अधिकारी डेरा गईले अवुरी धोखाधड़ी से बंधु सिंह के गिरफ्तार कs फांसी देवे के आदेश देले।
लटकल फांसी के फंदा सात बेर टूट गइल. तब बंधु सिंह माई तरकुलहा से निहोरा कईले कि हे माई हमरा के अपना चरण में ले लs। आठवीं बेर बंधु सिंह खुद गरदन में फांसी के फंदा लगवले। एकरा बाद गोरखपुर के अली नगर चौराहे पs 12 अगस्त 1857 के सार्वजनिक रूप से फांसी पs लटका दिहल गइल। उनुका के फांसी दिहल गइल। बाद में भक्त लोग इहाँ मंदिर बनवले।
तरकुलहा देवी माता मंदिर के समय
तरकुलहा देवी माता मंदिर सुबह 7:00 बजे खुलेला आ साँझ 8:00 बजे बंद होला। सबेरे 8:00 बजे आ साँझ के आरती 7:00 बजे होला।
तरकुलहा देवी कइसे जाई
हवाईजहाज द्वारा
तरकुलहा देवी के मंदिर जाए खातिर सबसे नजदीकी हवाई अड्डा गोरखपुर हवाई अड्डा बा।
ट्रेन
चौरीचौरा, देवरिया भा गोरखपुर रेलवे स्टेशन से तरकुलहा देवी मंदिर जा सकेनी।
सड़क के रास्ता
देवरिया भा गोरखपुर रेलवे स्टेशन से बस भा टैक्सी से तरकुलहा देवी मंदिर जा सकेनी.