For the best experience, open
https://m.khabarbhojpuri.com
on your mobile browser.
Advertisement

अतवारी छौंक: 'बात कुछ पुरनका दौर के' 70 के दशक के सुपर हिट हीरो जेकरा के ओवर कॉन्फिडेन्स कs दिहलस करियर बर्बाद

08:43 AM Dec 01, 2024 IST | Minee Upadhyay
अतवारी छौंक   बात कुछ पुरनका दौर के  70 के दशक के सुपर हिट हीरो जेकरा के ओवर कॉन्फिडेन्स कs दिहलस करियर बर्बाद
विश्वजीत चटर्जी
Advertisement
Advertisement

खबर भोजपुरी रउरा लोग के सोझा एगो नया सेगमेंट लेके आइल बा , हर अतवार के रउरा के पढ़े के मिली फिलिम इंडस्ट्री से जुड़ल रोचक कहानी आ खिसा जवन बितsल जमाना के रही.

आजू पढ़ी हिंदी सिनेमा सुपर हिट हीरो के ओवर कॉन्फिडेन्स कइसे कइलस करियर बर्बाद.

हिंदी सिनेमा के सबसे सुन्दर हीरो आ ‘किंग ऑफ रोमांस’ के नाम से जानल जाए वाला विश्वजीत चटर्जी अपना समय में अपना अभिनय से दर्शकन के पागल बनवले रहले. आज भी लोग उनकर कई गो यादगार फिलिम के ना भुला पावेले। अभिनेता आ निर्देशक विश्वजीत चटर्जी अपना समय में एह इंडस्ट्री पs राज करत रहले. बाकिर कहल जाला कि कैरियर के चरम पs एगो दोस्त के सलाह पs ऊ अइसन गलती कs दिहलन कि उनकर चमचमात कैरियर धीरे-धीरे बरबाद हो गइल.

अभिनय जगत के सुप्रसिद्ध अभिनेता विश्वजीत चटर्जी आपन अभिनय कैरियर के शुरुआत बंगाली फिलिमन से कइलन. एकरा बाद 1962 में रिलीज भइल फिलिम ‘बीस साल बाद’ से हिन्दी फिलिमन में काम करे लगलन. अपना समय में विश्वजीत के जादू दर्शकन पs अइसन काम कइल कि ऊ कुछे समय में स्टार बन गइलन. बाकिर एगो छोट गलती से उनुकर बढ़िया बनल कैरियर बर्बाद हो गइल.

विश्वजीत चटर्जी अपना अभिनय कैरियर में कई गो शानदार किरदार निभवले बाड़न. 'कोहरा' फिलिम में राजा अमित कुमार सिंह, अप्रैल फूल में अशोक, मेरे सनम में रमेश कुमार, नाइट इन लंदन में जीवन, दो कलियां में शेखर आ फिल्म किस्मत में विक्की जइसन कई गो यादगार किरदार निभवले बाड़न जवन लोग के दिमाग में बस गइल आ दर्शक ओह किरदारन के आजुओ ना भुला पवले. आपन समय में आशा पारेख, वहीदा रहमान, मुमताज, माला सिन्हा आ राजश्री जइसन ओह दौर के कई गो दिग्गज अभिनेत्रियन के साथे उनुकर जोड़ी बहुते पसंद कइल गइल.

बंगाली होखला के बावजूद हिंदी फिलिमन में मशहूर भइले. विश्वजीत के बाबूजी सेना में डाक्टर रहले। ऊ ना चाहत रहले कि उनकर बेटा अभिनेता बने. बाकिर विश्वजीत शुरूए से रंगमंच करत रहले. उs महज दस साल में आपन कैरियर शुरू कईले। बंगाली फिलिमन में काम करे लगले. उनकर एगो बंगाली फिलिम काफी लोकप्रिय भइल। एकरा बाद उs हिंदी फिल्म के ओर मुड़ गईले। बंगाली होखला के बावजूद विश्वजीत चटर्जी के हिंदी भाषा पs बढ़िया पकड़ रहे। अभिनय के दुनिया में उनुकर तूती बोलल जात रहे। आपन फिलिमन के आधार पs ऊ इंडस्ट्री में एगो अलगे जगह बना लिहले रहले. दर्शक उनुका के किंग ऑफ रोमांस के रूप में भी पहचाने लगले।

"उनकर फिलिमन के साथे विश्वजीत के सफलता में उनकर फिलिम के गीतन के भी बड़हन योगदान रहल. उनकर कुछ सदाबहार गीत लोग के पागल बना देले रहे। कहीं दीप जले कहीं दिल, नाज़ुक न बनो, पुकारता चला हूं मैं, कजरा मोहब्बत वाला, ना झटको जुल्फ से पानी जइसन गीतन के लोग आजुओ गुनगुनात लउकेला."

एगो गलती से हो गइल कैरियर बर्बाद

70 के दशक में विश्वजीत चटर्जी के रोमांस फिल्मन में देख के दर्शक प्रशंसक बन गइलें. इहे उs समय रहे जब उनकर कैरियर चरम पs रहे। ई ऊ जमाना रहे जब उनुकर हर फिलिम सुपरहिट बन जात रहे. जवना गीत में ऊ नजर अइले ऊ सदाबहार हो गइल. अब उनका पूरा भरोसा हो गइल रहे कि ऊ जवन काम करीहें, लोग के जरूर नीक लागी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एs दौरान उनुकर एगो दोस्त उनुका के अभिनय के अलावे निर्माता बने के सलाह देले। विश्वजीत एह बात पs सहमत हो गइलन आ आपन कमाइल पइसा अपना फिलिमन में लगा दिहलन. विश्वजीत साल 1975 में आपन फिल्म ‘कहते हैं मुझको राजा’ के निर्माण आ निर्देशन कइले रहले. अभिनेता आ निर्देशक के अलावा ऊ गायक आ निर्माता भी रहल बाड़ें। बाकिर उनुकर फैसला उनुका खातीर गलत साबित भईल। कुछ ही समय में उनकर कैरियर बर्बाद हो गईल। एकरा बाद ऊ फेर से अभिनय में हाथ अजमइले बाकिर फेर से उs सफलता ना मिल पावल.

इहो पढ़ीं: ऊनी कपड़ा के धोए खातीर अपनाई इs ट्रिक्स, लंबा समय ले नया जइसन रही

Tags :
Advertisement