साहित्य: भोजपुरियांचल के नवहा कवि, गीतकार 'गणेश नाथ तिवारी विनायक'
भोजपुरियांचल के नवहा कवि, गीतकार गणेश नाथ तिवारी विनायक जी के एगो रचना: रामलला के अजोधा जी में आगमन पs..
बाइस के होई पूजनवा हो
सभे गावे भजनवा
पंडितजी वेद मंत्र ऊँचारे
सखी सहेली फूल माला सवांरे
22 जनवरी शुभ दिनवा हो
सभे गावे भजनवा
संगमरमर पत्थर से नेव रखाइल
भूमि पूजन इतिहास में लिखाइल
देखलस पूरा जमानवा हो
सभे गावे भजनवा
पावन धरती अयोध्या नगरिया
रामजी के बनल भव्य मंदिरिया
खुशियां मनवेला जहनवा
सभे गावे भजनवा
रघुवर के आजु भइल पगबन्दन
अनन्या गणेश कइले अभिनंदन
दियना जरवले भवनवा हो
सभे गावे भजनवा
रामजी के भइल पूजनवा हो
सभे गावे भजनवा
गणेश नाथ तिवारी"विनायक" के परिचय
गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’ पेशा से इंजिनियर बानी बाकिर भोजपुरी साहित्य से लगाव के कारने इहाँ के भोजपुरी में गीत कविता कहानी लिखत रहेनीं| भोजपुरी भासा से गहिराह लगाव राखे आला एगो अइसन मनई जेकर कलम जुवा सोच के बढिया सबदन में सजावेला|