भगवान राम सहनशीलता, धैर्य आ वीरता के प्रतीक : विक्रांत
बरहज(देवरिया)/अखिलेश कुमार सिंह। बरहज के ग्राम सभा कसिली में चल रहल रामलीला में राम-सीता बियाह के मनोहारी मंचन कइल गइल।
राजा जनक एगो दूत से राजा दशरथ के भगवान राम आ सीता के बियाह के निमंत्रण भेजववले। राजा दशरथ, भरत आ शत्रुघ्न बारात लेके जनकपुरी पहुंचले आ उहां एक संगे चारों भाइयन के बियाह होत बा। चारों बहिनन के विदाई के मंचन देख सब दर्शकन के आंख छलक गइल। अयोध्या में राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ, चारों भाइयन आ पुत्रवधुअन के भव्य स्वागत होत बा। राम के वनगमन से दर्शकन के आंख नम हो गइल।
रामलीला के मुख्य अतिथि विक्रांत मिश्रा, विशिष्ठ अतिथि गजेन्द्र पाण्डेय, सूर्यप्रकाश मिश्रा रहल लो। मुख्य अतिथि विक्रांत मिश्रा फीता काटकर रामलीला के सुभारंभ कइल लो।
मुख्य अतिथि विक्रांत मिश्रा कहलें कि मर्यादा, करुणा, दया, सत्य, सदाचार आ धर्म के मार्ग पs चलत राज कइलें। एह कारण उनकर आदर्श पुरुष आ मर्यादा पुरुषोत्तम कहल जाला। भगवान राम में अनेक गुण बा, जवन कि हर व्यक्ति में जरूर होखे के चाहीं।
एह दौरान राहुल तिवारी, मनोज मिश्र, मोनू मिश्र, रामजी सिंह, सुन्नी मिश्र, आदि लोग उपस्थित रहल लो।