Lucknow: चीनी मांझा से कट गइल जिनगी के डोर...कतना परयास के बादो डॉक्टर ना बचा सकले जान
Lucknow: चीनी मांझा एक बार फेर काल साबित भइल बा। चौक इलाका में सात दिन पहिले बाइक से जा रहल मूल रूप से हरदोई के रेहे वाला सुधाकर (47) के गर्दन के नस चीनी मांझा से कट गइल रहे। सात दिन तक उनकर केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चलल, बाकिर उनका के बचावल ना जा सकल। एतवार के उऽ दम तुड़ देले।
सुधाकर आइसक्रीम फैक्टरी में काम करत रहले। उऽ कपूरथला इलाका में पत्नी रंजना आ दु बेटन-सिद्धार्थ आ आदित्य के साथे रहत रहले। उनकर भाई दिवाकर बतवले कि 16 जून के सुधाकर बाइक से कवनो काम से चौक गइल रहले। एही दौरान बंधे के लगे उनकर गर्दन में चीनी मांझा फंस गइल रहे। गंभीर हालत में उनका के ट्रॉमा सेंटर में भर्तीयो करावल गइल रहे। पुलिस ने एतवार के पोस्टमार्टम करावे के बाद शव परिजनन के सउप देलस।
खुदे बाइक चलाके के पहुंच गइल रहले अस्पताल
दिवाकर बताया के गर्दन के नस कटला के बादो सुधाकर खुदही बाइक चलाके अस्पताल पहुंच गइल रहले। उहाँ पहुंचला तक काफी खून बह चुकल रहे। सात दिन तक उनकर इलाज चलत रहल, लेकिन उऽ कुछ बोल ना सकले।
2017 से प्रतिबंधित बा चीनी मांझा
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल चीनी मांझा के निर्माण आ प्रयोग पs 11 जुलाई 2017 के बैन लगा देले रहे।एनजीटी अपना आदेश में कहले रहे कि चीनी मांझा के बिक्री आ ओकर प्रयोग कानूनन अपराध बा। एकरा से आसमान में पक्षियन के आ जमीन पs लोगम के जान के खतरा बा। प्रतिबंध के बावजूदो अवैध रूप से एकर बिक्री आ इस्तेमाल जारी बा।
पुरानका लखनऊ में चोरी-छिपे बेचाता
जानकारन के अनुसार अकबरीगेट, वजीरबाग, मोहिनीपुरवा, हुसैनगंज इलाकों में चीनी मांझा के ब्रिकी चोरी-छिपे हो रहल बा। नायलॉन के धागा पs कांच के कोटिंग के बाद ई मांझा तइयार होला। एकरा के काटे खातिर कैंची के इस्तेमाल करे के पड़ेला। जबकि सामान्य मांझा आसानी से टूट जाला।