Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि आजु, जानीं शुभ मुहूर्त आ कइसे करीं शिव आराधना
महाशिवरात्रि के परब हर साल फाल्गुन महीना के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि के धूमधाम से मनावल जाला। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान भोलेनाथ के बियाह फाल्गुन कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि के माता पार्वती से भइल। अइसना में शिव के हर भक्त एह दिन के बेसब्री से इंतजार करेला आ सब संस्कार से भगवान शिव आ माई पार्वती के पूजा करेला। हिन्दू कैलेंडर के मोताबिक शिवरात्रि हर महीना के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि पs पड़ेला आ शिवभक्त लोग एह दिन व्रत रख के भगवान भोलेनाथ आ माई गौरी के पूजा करेला। लेकिन फाल्गुन महीना के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि बहुत खास बा। एह दिन महाशिवरात्रि मनावल जाला। महाशिवरात्रि पs देश भर के सगरी शिव मंदिरन में भोलेनाथ के दर्शन आ पूजा करावे खातिर भारी भीड़ लागेला। एगो अउरी धार्मिक मान्यता के अनुसार भोलेनाथ महाशिवरात्रि के दिन धरती पs आके शिवलिंग में बईठेले। एह तरह से महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखला आ शिव के पूजा कइला से आदमी के परेशानी दूर हो जाला आ हर इच्छा पूरा हो जाला। महाशिवरात्रि के शुभ तिथि, शुभ समय, पूजा विधि आ विशेष संयोग के बारे में जानल जाव...
महाशिवरात्रि तिथि 2024
हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक एs साल महाशिवरात्रि के चतुर्दशी तिथि 08 मार्च के रात 09.47 बजे से सुरू होई, जवन 09 मार्च के रात 06.17 बजे खतम होई। मतलब कि 8 मार्च बियफे के दिने महाशिवरात्रि के परब मनावल जाई। धार्मिक ग्रंथन के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन निशिता काल में भोलेनाथ के पूजा करे के परंपरा बा। अइसना में 08 मार्च मतलब आजुए महाशिवरात्रि मनावल जाई।
महाशिवरात्रि पs पूजा के शुभ समय
महाशिवरात्रि 2024 दिनांक : 8 मार्च 2024 के बा
निशीथ काल पूजा मुहुरत : 08 मार्च के आधा रात के 12:07 बजे से 12:55 बजे तक।
अवधि : 0 घंटा 48 मिनट के बा
महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहार पूजा के शुभ समय
पहिला प्रहार पूजा - 08 मार्च सांझ 06.29 बजे से सांझ 09.33 बजे ले
दूसरा प्रहार पूजा - 08 मार्च 09:33 बजे से 09 मार्च 12:37 बजे ले
तीसरी प्रहार पूजा - 09 मार्च के सबेरे 12:37 बजे से 03:40 बजे ले
चौथा प्रहार पूजा - 09 मार्च के सबेरे 03.40 बजे से 06.44 बजे ले
पारन मुहूर्त : 09 मार्च के सबेरे 06:38 बजे से दुपहरिया 03:30 बजे ले
महाशिवरात्रि 2024 पs बनल दुर्लभ संयोजन
हिन्दू पंचांग के गणना के मुताबिक अबकी बेर महाशिवरात्रि पs बहुत दुर्लभ संजोग बा। अबकी बेर महाशिवरात्रि के परब सुक के बा अवुरी एह दिन शुक्र प्रदोष के व्रत भी मनावल जाई। चतुर्दशी तिथि के महाशिवरात्रि मनावल जाला जबकि त्रयोदशी तिथि के प्रदोष व्रत मनावल जाला। लेकिन अबकी बेर तिथि के संजोग के चलते फाल्गुन के त्रयोदशी तिथि अवुरी महाशिवरात्रि के पूजा के निशिता मुहूर्त एकही दिन बा। अयीसना में अबकी बेर एक व्रत से दुगुना फायदा हो सकता।
एकरा अलावे एs साल महाशिवरात्रि पs तीन योग के गठन भी हो रहल बा। महाशिवरात्रि के दिन शिव, सिद्ध आ सर्वार्थसिद्ध योग के गठन होई। शिवयोग में पूजा आ उपासना बहुत शुभ मानल जाला। एह योग में भगवान शिव के नाम के जाप करे वाला मंत्र बहुत शुभ आ सफल होला। जबकि सिद्ध योग में जब कवनो नया काम करेला तs ओकरा में पूरा सफलता हासिल होला। एकरा अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग में हर काम में सफलता मिलेला।
महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ के एही तरे करीं पूजा
- सबसे पहिले महाशिवरात्रि के सूर्योदय से पहिले जाग के स्नान करीं, फेरु भोलेनाथ के नाम लेत व्रत आ पूजा के संकल्प करीं।
- व्रत के दौरान भगवान शिव आ माई पार्वती के मंत्र के जाप करीं आ दुनु के आशीर्वाद लीं।
- शुभ समय पs पूजा शुरू करीं।
- घर के लगे स्थित शिव मंदिर में जाके गंगाजल, गन्ना के रस, कच्चा दूध, घी आ दही से अभिषेक करीं आ शिवलिंग के नमन करत शिव मंत्र के जाप करीं। फिर एकरा बाद बेलपत्र, भांग, धतूरा आ बेर आदि भगवान भोलेनाथ के चढ़ावल जाला।
- अंत में शिव चालीसा आ शिव आरती के पाठ करीं।