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Makar Sankranti 2025: नया साल में कब हs मकर संक्रांति, जानीं एs दिन स्नान-दान के शुभ मुहूर्त

09:56 AM Dec 04, 2024 IST | Minee Upadhyay
Makar Sankranti 2025
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मकर संक्रांति हिन्दू धर्म में एगो महत्वपूर्ण परब हs।  सूर्य के राशि में बदलाव के संक्रांति कहल जाला। हर साल कुल 12 गो संक्रांति होला जेह में मकर संक्रांति, जेकरा के पौष संक्रांति के नाँव से भी जानल जाला, भारत आ नेपाल में ई परब मनावल जाला। मकर संक्रांति नयका साल के पहिला बड़का परब हs। मकर संक्रांति के दिन से भगवान सूर्य उत्तरायण होले आ एही से एह परब के खिचड़ी आ उत्तरायण पर्व भी कहल जाला। ई ठंडा के कम होखे आ सूर्य देवता के लंबा समय ले चमके के प्रतीक हवे। ई दिन पूरा देश में परब के रूप में मनावल जाला। एह दिन नदी में नहाए आ दान के बहुत महत्व बा। जानी कि अगिला साल कब मकर संक्रांति बा आ एह दिन से जुड़ल अलग अलग परंपरा का बा.

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साल 2025 में मकर संक्रांति कब बा?
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल 2025 में सूर्य भगवान मंगलवार 14 जनवरी के मकर राशि में प्रवेश करीहे। भगवान सूर्य सबेरे 9.03 बजे मकर राशि में गोचर करीहे। अबकी बेर मकर संक्रांति क्षण होई। सूर्य के गोचर के चलते 14 जनवरी के मकर संक्रांति मनावल जाई।14 जनवरी 2025 के मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल के कुल अवधि 8 घंटा 42 मिनट बा। पुण्य काल सबेरे 9.03 बजे से सांझ 5.46 बजे ले चली।  एह दिन एक घंटा 45 मिनट के महा पुण्य अवधि होला। सुबह 9.03 बजे से 10.48 बजे तक महा पुण्य काल होई.

मकर संक्रांति के दिन नहाए आ दान खातिर मुहुरत
14 जनवरी के स्नान आ दान (Snan Daan) के शुभ समय सबेरे 9.03 बजे से 10.48 बजे तक बा।  महा पुण्य काल में अयीसन कईल सबसे निमन होई। हालांकि शुभ काल में भी स्नान आ दान कइल जा सकेला।

पतंग उड़ावे से लेके दान तक के परंपरा
मकर संक्रांति के दिन देश भर में पतंग उड़ावे से लेके नदी में नहाए आ दान तक के परंपरा बा। एह दिन पंजाब, हरियाणा आ दिल्ली के आसपास लोहड़ी मनावल जाला। एह दिन तिल से बनल तरह तरह के पकवान बनावल जाला आ दोस्तन आ परिवार के लोग के तिल आ गुड़ खियावल जाला। एकरा अलावे पवित्र नदी में नहाए अवुरी दान देवे के परंपरा भी बा। मकर संक्रांति के दिन नदी में नहा के लोग अपना पुरखा के ‘पित्रो का तर्पण’ भी चढ़ावेला। एह दिन के आपन पुरखा के याद करे के मौका भी मानल जाला। ई दिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आ तमिलनाडु में पोंगल के रूप में मनावल जाला।

मकर संक्रांति काहे मनावल जाला?
मकर संक्रांति मूल रूप से खेती से जुड़ल एगो परब हs। रब्बी फसल के कटाई के बाद मनावल जाला। एकरा अलावा लमहर जाड़ा के बाद सूर्य भगवान के मकर राशि में प्रवेश आ दिन के लंबा होखे के मौका पs मनावल जाला। दोस्त आ रिश्तेदारन से मिले के परब भी हs।

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