मलयालम सिनेमा के दिग्गज एमटी वासुदेवन नायर के निधन
मलयालम के लेखक आ पटकथा लेखक एमटी वासुदेवन नायर के 91 बरीस के उमिर में निधन हो गइल. मलयालम के भावुक गीतन के राजा एमटी वासुदेवन नायर के बुध के दिने कोझिकोड में निधन हो गइल. लेखक पिछला एगारह दिन से अस्पताल में भरती रहले. उनुका के दिल के दौरा पड़ल अवुरी तुरंत अस्पताल पहुंचावल गईल। दिवंगत लेखक बुध के दिने वेंटिलेटर सपोर्ट पs आपन आखिरी साँस लिहलन. ‘नालुकेट', 'रंदामूझम', 'वाराणसी' आ ‘'स्पिरिट ऑफ डार्कनेस’ जइसन रचना उनकर साहित्य जगत में महत्वपूर्ण स्थान अर्जित कइलस।।
केरल सरकार शोक के कइलस एलान
केरल सरकार मलयालम साहित्यकार एमटी वासुदेवन नायर के निधन पs 26 आ 27 दिसंबर के आधिकारिक शोक घोषित कs दिहले बिया. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सम्मान के निशानी के तौर पs 26 दिसंबर के होखेवाला मंत्रिमंडल के बैठक समेत सभ सरकारी कार्यक्रम के स्थगित करे के निर्देश देले बाड़े। ई जानकारी सीएमओ से जारी कइल गइल बा.
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में उनकर योगदान
मलयालम सिनेमा में भी एमटी वासुदेवन नायर के योगदान रहे। ‘निर्मल्यम', 'पेरुंतचन', 'रंदामूझम’ आ ‘अमृतम गमया’ समेत कई गो लोकप्रिय फिलिमन के पटकथा लिखले बाड़न. एकरा अलावे उनुका के देश भर से बहुत पुरस्कार मिलल बा, जवना में 1996 में ज्ञानपीठ अवुरी 2005 में पद्म भूषण जईसन सम्मान शामिल बा।
बेहतरीन फिलिमन के रहले निर्माता
मलयालम आ बंगाल के साहित्य आ सिनेमा के प्रति प्रेम हमेशा से मशहूर रहल बा, जहाँ लोग अपना लेखक आ फिल्मकारन के बहुते आदर करेला. मलयालम साहित्य आ सिनेमा के अइसने एगो व्यक्तित्व हउवें एम.टी.वासुदेवन नायर, जेकरा के अपना प्रशंसक प्यार से बस एमटी कहेलें. एक साथ कहानीकार, पटकथा लेखक, अभिनेता आ निर्देशक रहल बाड़न. उनकर फिलिम मलयालम सिनेमा के परंपरा के आगे बढ़ावत रहे आ नया-नया परम्परा के प्रयोग करत रहे। सिनेमा-लेखक व्यक्तित्व उनका के साहित्य जगत में ना बलुक फिलिम जगत में भी महत्वपूर्ण स्थान दिहलस।